New Income Tax Bill 2025 : सैलरीड और मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए राहत की खबर है। संसद ने इनकम टैक्स (नंबर 2) बिल 2025 (Income Tax Bill 2025) को पास कर दिया है, जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा और 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा। इस नए कानून में टैक्स स्लैब को सरल किया गया है, रिबेट की सीमा बढ़ाई गई है और नियमों को पहले से ज्यादा पारदर्शी बनाया गया है।
नई व्यवस्था में ₹4 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि ₹12 लाख तक की आय पर भी बड़ी छूट मिलेगी। सरकार का कहना है कि इससे टैक्स फाइलिंग की जटिलता कम होगी और लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा।
नए कानून के प्रमुख प्रावधान
न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 के तहत ₹4 लाख तक की आय पर टैक्स शून्य होगा। ₹4–8 लाख आय पर 5%, ₹8–12 लाख पर 10% और ₹12–16 लाख पर 15% टैक्स दर तय की गई है। सेक्शन 87A के तहत ₹12 लाख तक की आय वालों को ₹60,000 तक की पूरी रिबेट मिलेगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75,000 के साथ यह छूट ₹12.75 लाख तक की वेतन आय पर टैक्स को पूरी तरह खत्म कर देगी।
पहले जहां यह रिबेट केवल ₹7 लाख आय तक सीमित थी, अब सीमा लगभग दोगुनी कर दी गई है। पुराने कानून के 819 सेक्शन को घटाकर 536 कर दिया गया है और ‘टैक्स ईयर’ की नई अवधारणा भी लागू होगी। इसके साथ फेसलेस डिजिटल असेसमेंट, अग्रिम नोटिस और तेज TDS रिफंड जैसी सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं।
टैक्स स्लैब का सरलीकरण
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₹4,00,001 – ₹8,00,000 : 5% टैक्स
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₹8,00,001 – ₹12,00,000 : 10% टैक्स
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₹12,00,001 – ₹16,00,000 : 15% टैक्स
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₹16,00,001 – ₹20,00,000 : 20% टैक्स
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₹20,00,001 – ₹24,00,000 : 25% टैक्स
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₹24,00,000 से ऊपर : 30% टैक्स
इस बदलाव का मकसद टैक्स कैलकुलेशन को आसान बनाना और ऊंची आय वालों पर मार्जिनल रेट का दबाव कम करना है।
प्रॉपर्टी टैक्स में स्पष्टता
धारा 20 के तहत, स्वामित्व वाली संपत्तियों से होने वाली आय को ‘इनकम फॉर हाउस प्रॉपर्टी’ के अंतर्गत टैक्स योग्य माना जाएगा। सालाना वैल्यू अनुमानित या वास्तविक किराए में से अधिक होगी। व्यावसायिक संपत्तियों पर टैक्स ‘बिजनेस इनकम’ के रूप में लगेगा।
पेंशन योजनाओं में बदलाव
बिल ने इंटीग्रेटेड पेंशन स्कीम (UPS) को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के साथ टैक्स के मामले में समान कर दिया है। रिटायरमेंट पर पेंशन का 60% तक हिस्सा टैक्स फ्री रहेगा, और नियोक्ता-कर्मचारी के योगदान पर 80CCD(1) और 80CCD(2) में कर कटौती का लाभ जारी रहेगा।
मामले की पृष्ठभूमि
पुराना 1961 इनकम टैक्स एक्ट समय के साथ जटिल और लंबा हो गया था। बदलते आर्थिक परिदृश्य और डिजिटल इकोनॉमी के अनुरूप एक नया, सरल और पारदर्शी टैक्स ढांचा बनाने की मांग लंबे समय से हो रही थी। नए बिल का मकसद न केवल टैक्स फाइलिंग को आसान बनाना है, बल्कि टैक्सपेयर्स को ज्यादा राहत और निश्चितता देना भी है।
मुख्य बातें
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₹12.75 लाख तक की वेतन आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
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टैक्स स्लैब कम और सरल बनाए गए हैं, रिबेट सीमा ₹12 लाख तक बढ़ाई गई।
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पुराना 1961 इनकम टैक्स एक्ट खत्म होकर नया बिल 2025 से लागू होगा।
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प्रॉपर्टी टैक्स और पेंशन योजनाओं में भी पारदर्शी नियम जोड़े गए।






