Naxalite Commander Hidma Killed In Encounter : नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बस्तर के कुख्यात माओवादी कमांडर और 1 करोड़ के इनामी नक्सली मांडवी हिडमा को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। हिडमा 26 से ज्यादा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था।
आंध्र प्रदेश पुलिस की स्पेशल टीम ने यह सटीक और तेज ऑपरेशन आंध्र प्रदेश के मारेदुमिल्ली क्षेत्र में चलाया। इस मुठभेड़ में हिडमा के साथ उसकी पत्नी राजे उर्फ राजक्का समेत कुल छह माओवादी मारे गए हैं।
हिडमा की मौत को सुरक्षा एजेंसियां माओवादी नेटवर्क पर अब तक का सबसे बड़ा झटका मान रही हैं।
सुबह 6 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन
सुरक्षाबलों को इस टेरिटरी में हिडमा की मौजूदगी की खुफिया जानकारी पहले से ही मिल गई थी। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने जंगल को चारों ओर से घेर लिया।
ऑपरेशन सुबह करीब 6 से 7 बजे के बीच शुरू हुआ, जिसमें हिडमा और उसकी कोर टीम को ढेर कर दिया गया। आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए इसे एक “मेजर स्ट्रेटेजिक ब्रेक थ्रू” (बड़ी रणनीतिक सफलता) बताया है।
26 हमलों का था मास्टरमाइंड
हिडमा सिर्फ एक नक्सली कमांडर नहीं था, बल्कि वह सीपीआई (माओवादी) के अंदर एक ऐसी रणनीतिक इकाई का नेतृत्व करता था, जिसने देश को हिला देने वाले कई हमलों को अंजाम दिया।
वह बस्तर क्षेत्र में पीएलजीए (PLGA) बटालियन नंबर एक का प्रमुख था, जिसे माओवादियों की सबसे घातक और हमलावर इकाई माना जाता है।
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2010 दंतेवाड़ा हमला: इस भीषण हमले में 76 सीआरपीएफ जवानों की जान गई थी।
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2013 झीरम घाटी नरसंहार: इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं समेत 27 लोग मारे गए थे।
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2021 सुकमा-बीजापुर एंबुश: इस घात लगाकर किए गए हमले में 22 जवान शहीद हुए थे।
इन सभी बड़े हमलों का मास्टरमाइंड हिडमा ही था।
कौन था मांडवी हिडमा?
छत्तीसगढ़ के सुकमा के पूर्ववर्ती इलाके में 1981 में जन्मा हिडमा कम उम्र में ही माओवादी संगठन में शामिल हो गया था।
जंगल के भूगोल पर उसकी पकड़, घात और एंबुश (Ambush) लगाने की उसकी क्रूर रणनीति और आदिवासी इलाकों में मजबूत नेटवर्क ने उसे सीपीआई की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य बना दिया था।
वह संगठन का एकमात्र आदिवासी नेता भी था, जिसके कारण उसे स्थानीय स्तर पर भी काफी समर्थन मिलता था।
माओवादी नेटवर्क की टूटी कमर
सुरक्षा एजेंसियां हिडमा के खात्मे को पिछले एक दशक का सबसे बड़ा ऑपरेशन मान रही हैं। बस्तर का पूरा माओवादी ढांचा काफी हद तक हिडमा की रणनीति और उसके नेतृत्व पर ही निर्भर था।
अधिकारियों का मानना है कि हिडमा के मारे जाने से न केवल कई नक्सली मॉड्यूल कमजोर होंगे, बल्कि माओवादियों की भर्ती और फाइनेंसिंग (Funding) पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है और मौके से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर मांडवी हिडमा आंध्र प्रदेश में हुई मुठभेड़ में मारा गया।
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हिडमा के साथ उसकी पत्नी राजे समेत कुल छह माओवादी ढेर कर दिए गए।
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वह 2010 दंतेवाड़ा, 2013 झीरम घाटी और 2021 सुकमा-बीजापुर एंबुश समेत 26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था।
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हिडमा पीएलजीए बटालियन-1 का प्रमुख और सीपीआई की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य था।






