Naresh Tikait Pakistan Support Controversy : पहलगाम (Pahalgam) आतंकी हमले के बाद भारत सरकार (Indian Government) ने पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) स्थगित करने जैसे फैसले किए हैं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) और उनके भाई राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) विवादों में आ गए हैं। नरेश टिकैत ने भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान जाने वाले नदी के पानी को रोकने के फैसले की आलोचना की, जिससे भाजपा (BJP) ने उन पर दुश्मन की भाषा बोलने का आरोप लगाया है।
भाजपा किसान मोर्चा (BJP Kisan Morcha) के अध्यक्ष राजकुमार चाहर (Rajkumar Chahar) ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोकने जैसे कई साहसी कदम उठाए हैं। इसके बावजूद नरेश टिकैत ने यह बयान दिया कि पाकिस्तान जाने वाला पानी नहीं रोका जाना चाहिए क्योंकि इससे किसानों को नुकसान होगा। चाहर ने नरेश टिकैत के बयान को पाकिस्तान का समर्थन करने वाला बताते हुए उनकी कड़ी निंदा की और देश से माफी मांगने की मांग की।
राकेश टिकैत के कुछ बयानों ने भी इस आग में घी डालने का काम किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि टिकैत भाइयों ने जिस तरह से पाकिस्तान का पक्ष लिया है, वह बेहद निंदनीय है। सरकार का मानना है कि आतंकवाद (Terrorism) को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाना जरूरी है और पानी रोकने का फैसला भी उसी नीति का हिस्सा है।
नरेश टिकैत के इस बयान के बाद किसान संगठनों के भीतर भी बहस शुरू हो गई है। कुछ संगठन टिकैत भाइयों का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ ने उनसे दूरी बना ली है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बयान से टिकैत भाइयों की छवि को गहरी चोट पहुंच सकती है, खासकर ऐसे समय में जब देश की जनता पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख चाहती है।
भाजपा ने साफ कर दिया है कि देशहित के खिलाफ किसी भी बयान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नरेश टिकैत को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। इस पूरे विवाद ने किसान राजनीति के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है और टिकैत भाइयों के अगले कदम पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।