Delhi Elections, BJP Win, Congress-AAP Alliance: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी (Rashid Alvi) ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के लिए अपनी ही पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि यदि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने गठबंधन कर यह चुनाव लड़ा होता, तो बीजेपी को हार का सामना करना पड़ता। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को गठबंधन सहयोगियों के सम्मान की नसीहत देते हुए यह भी कहा कि बीजेपी की जीत से मुस्लिम समुदाय में भारी चिंता है।
“कांग्रेस हाईकमान को तय करना होगा कि अकेले लड़ना है या गठबंधन के साथ”
राशिद अल्वी ने एएनआई (ANI) से बातचीत में कहा कि दिल्ली में BJP की जीत कांग्रेस की वजह से हुई है। उन्होंने कहा,”यदि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) मिलकर चुनाव लड़ते तो बीजेपी जीत नहीं सकती थी। यह फैसला अब कांग्रेस हाईकमान को करना होगा कि हमें अपने सहयोगियों के साथ जाना है या अकेले लड़ना है।”
“BJP की जीत से मुस्लिम समुदाय में गहरी चिंता”
राशिद अल्वी ने कहा कि दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत से मुस्लिम समुदाय काफी चिंतित है। उन्होंने कहा, “हमने बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के बाद बड़ी मुश्किल से मुसलमानों को कांग्रेस के साथ जोड़ा था, लेकिन दिल्ली के नतीजों ने मुस्लिम समुदाय को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारी वजह से बीजेपी सत्ता में आई?”
“कांग्रेस को अपने सहयोगियों की इज्जत करनी होगी”
राशिद अल्वी ने कांग्रेस हाईकमान को याद दिलाया कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटें मिली थीं, जिसमें 60-65 सीटें गठबंधन सहयोगियों की वजह से आईं। उन्होंने कहा, “अगर हमें BJP को हराना है, तो INDIA गठबंधन को मजबूत करना होगा। हमें अपने सहयोगियों की इज्जत करनी होगी और उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा।”
“AAP महज 2% वोटों के अंतर से हारी, कांग्रेस को सिर्फ 6% वोट मिले”
अल्वी ने कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ 6% वोट मिले, जबकि AAP महज 2% के अंतर से BJP से हार गई। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और AAP ने गठबंधन किया होता, तो बीजेपी की हार तय थी।
उन्होंने कहा,”दिल्ली में हमें सिर्फ 6% वोट मिले हैं। AAP और BJP के बीच सिर्फ 2% वोटों का अंतर था। हमें बैठकर इस पर विचार करना होगा कि आखिर गलती कहां हुई।”
क्या कांग्रेस गठबंधन की रणनीति बदलेगी?
राशिद अल्वी के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस के अंदर भी गठबंधन को लेकर मतभेद हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस हाईकमान आगामी चुनावों में अकेले जाने की रणनीति बदलेगी?
BJP की बढ़ती सफलता को रोकने के लिए INDIA गठबंधन को मजबूत करने की जरूरत बताई जा रही है, लेकिन कांग्रेस की आंतरिक रणनीति इस पर क्या फैसला लेती है, यह देखने वाली बात होगी।






