Multibagger Stocks: प्रीमियर एक्सप्लोसिव लिमिटेड (Premier Explosives Limitd-PEL) ने महज एक महीने में निवेशकों के पैसों को दोगुने से अधिक बढ़ा दिया है। एक महीने में यह 128 फीसदी, एक साल में करीब 200 फीसदी और तीन साल में 700 फीसदी से अधिक उछला है। अगस्त 2020 में यह महज 129 रुपये में मिल रहा था और अब यह 1 हजार रुपये के पार पहुंच चुका है। एक दिन पहले 1 अगस्त 2023 को यह बीएसई पर 1,026.40 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर था। आज कमजोर मार्कट सेंटिमेंट में इसमें कमजोरी तो दिख रही है लेकिन आज भी इंट्रा-डे में यह 1008.90 रुपये तक पहुंचा था।
फिर मुनाफावसूली के चलते यह गिर गया और फिलहाल बीएसई पर यह 2.36 फीसदी की गिरावट के साथ 970.50 रुपये (Premier Explosives Share Price) पर है। अब सवाल यह उठता है कि इसमें इतनी तेजी क्यों है और अभी इसमें कमाई की कितनी संभावनाएं हैं?
Premier Explosives में इन कारणों से तेजी का रुझान
इसके शेयरों को इंडियन एयरफोर्स के लिए मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और L&T से मिले ऑर्डर से तगड़ा सपोर्ट मिला है। 6 जुलाई को कंपनी ने ऐलान किया था कि इसे डिफेंस मिनिस्ट्री से फ्लेयर्स की सप्लाई के लिए 76.8 करोड़ रुपये का, भारत डायनेमिक्स से बूस्टर ग्रेन्स की सप्लाई के लिए 10 करोड़ रुपये और मोटर की सप्लाई के लिए 43.3 करोड़ रुपये का और एलएंडटी से मोटर की सप्लाई के लिए 13.9 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। इस वित्त वर्ष में अब तक कंपनी को 725 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिल चुके हैं जिसे 12-24 महीने में पूरा करना है। इसका ऑर्डर बुक करीब 1108 करोड़ रुपये का है जो इसके वित्त वर्ष 2023 के रेवेन्यू से करीब 5.5 गुना अधिक है। यह कंपनी स्वदेशी तकनीक से एक्सप्लोसिव्स और डेटोनेटिव फ्यूज बनाती है।
अब आगे क्या है रुझान
प्रीमियर एक्स्प्लोसिव्स का ऑर्डर बुक बहुत मजबूत है और कंपनी इसे और मजबूत करने के लिए तेजी से काम कर रही है। वेंचुरा सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड विनीत बोलिंजकर के मुताबिक मार्केट में इसकी स्थिति और मजबूत होगी। इसके मजबूत ऑर्डर बुक को देखते हुए आगे भी तगड़े रेवेन्यू के आसार दिख रहे हैं। एनालिस्ट्स के मुताबिक जियो-पॉलिटिकल से जुड़ी चिंताओं के चलते कोयले की डिमांड बेतहाशा बढ़ गई है जिसके चलते एक्सप्लोसिव्स की जरूरत बढ़ गई है।
सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अधिक जोर दे रही है जिससे एक्सप्लोसिव्स की मांग बनी रहेगी। सागर माला, सभी के लिए आवास (पीएम हाउसिंग फॉर ऑल) और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को बढ़ावा मिल रहा है। इसके डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलने पर सीमेंट और धातुओं की मांग बढ़ रही है जिसके चलते इन्हें निकालने के लिए एक्स्प्लोसिव्स की जरूरत बढ़ रही है।
वहीं सरकारी हस्तक्षेप के चलते एक्सप्लोसिव्स बनाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट और ईंधन तेल यानी कच्चे माल की कीमतें भी गिर रही हैं। कोयले की बढ़ी मांग ने भी कीमतों को स्थिर करने में अहम भूमिका निभाई है। कंपनी को तेलंगाना में एक स्थान पर अमोनियम नाइट्रेट को भारी मात्रा में स्टोर करने के लिए लाईसेंस भी मिल गया है। इन सबके अलावा स्टील, एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम जैसे कच्चे माल की भी कीमतें गिर रही हैं।
इसके अलावा डिफेंस सेक्टर से भी कंपनी के कारोबार को सपोर्ट मिल रहा है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी डिफेंस प्रोडक्ट्स पर जोर दिया जा रहा है जिससे कंपनी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि डिफेंस सेगमेंट के ऑर्डर से कंपनी का मार्जिन मजबूत होगा।
किस टारगेट पर लगाएं पैसे
अभी प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स के शेयर काफी महंगे दिख रहे हैं क्योंकि इंडस्ट्री PE 27.9x है और इसका 80 के करीब। हालांकि सैमको सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट संजय मूरजानी के मुताबिक इसकी ग्रोथ संभावनाओं को देखते हुए इसे महंगा नहीं कह सकते हैं। यह शेयर कंसालिडेशन फेज में है। इस लेवल पर कुछ मुनाफावसूली दिख सकती है। एक स्वतंत्र एक्सपर्ट कुश घोडसरा का मानना है कि यह जून में कंसालिडेशन फेज में था और अब जुलाई से इसमें अच्छी तेजी दिख रही है। इसे देखते हुए उन्होंने 795 रुपये के लेवल पर स्टॉप लॉस लगाकर1250 रुपये के टारगेट पर पैसे लगाने की सलाह दी है।
डिस्क्लेमर: The News Air पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।






