माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। जीडीपी में इनका करीब एक-तिहाई योगदान है। ये करीब 12 करोड़ नौकरियों के मौके पैदा करते हैं। यूनियन बजट 2023 में MSME सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए कई ऐलान किए गए हैं। इससे इकोनॉमी के इंजन को तेज रफ्तार से दौड़ने का ईंधन मिलेगा। बजट में इज ऑफ डूइंग बिजनेस, इज ऑफ कंप्लायंस, क्रेडिट की आसान उपलब्धता और सरकारी स्कीमों को सपोर्ट के लिए उपाय किए गए हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं:
1. माइक्रो एंटरप्राइजेज के लिए ई-कॉमर्स की सुविधा
GST कानून के तहत अनरजिस्टर्ड और कंपोजिशन के तहत आने वाले टैक्सपेयर्स को ई-कॉमर्स ऑपरेटर के जरिए अपने गुड्स बेचने की इजाजत नहीं है। CGST एक्ट के सेक्शन 10 और सेक्शन 122 में संशोधन का प्रस्ताव बजट में पेश किया गया है। इससे कंपोजिशन स्कीम के तहत आने वाले टैक्सपेयर्स और ऐसे उद्यम जो जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं हैं वे ई-कॉमर्स ऑपरेटर के जरिए राज्य में अपने गुड्स बेच सकेंगे। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं।
2. माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज को समय पर पेमेंट पर जोर
MSME को अक्सर अपने ग्राहकों से पेमेंट मिलने का इंतजार करना पड़ता है। कुछ इंडस्ट्रीज में पेमेंट साइकिल बहुत लंबी है। यूनियन बजट 2023 में एमएसएमई को समय पर पेमेंट के लिए कदम उठाए गए हैं। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 43B में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि अगर पर्चेजर MSME Development Act में तय समयसीमा में पेमेंट करने में नाकाम रहता है तो उसे पेमेंट को एक्सपेंस के रूप में दिखाने की इजाजत नहीं होगी। इसका मतलब है कि पर्चेजर को MSME को चुकाए जाने वाले अमाउंट पर इनकम टैक्स चुकाना होगा। इस पेमेंट पर उसे तभी एक्सपेंस क्लेम करने की इजाजत होगी, जब वह MSME को पेमेंट कर देगा।
3. प्रिज्म्पटिव स्कीम के दायरे का विस्तार
MSME जिनका टर्नओवर 2 करोड़ रुपये तक है, वे प्रिज्म्पटिव टैक्स स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। उन्हें अपनी सेल्स के 6 फीसदी या 8 फीसदी के आधार पर इनकम कैलकुलेट करने की इजाजत है। इसी तरह स्मॉल टर्नओवर जिनका टर्नओवर 50 लाख रुपये तक है वे प्रिज्म्पटिव स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। वे अपने रेवेन्यू के 50 फीसदी पर अपनी इनकम का कैलकुलेशन करने की इजाजत हैं। इससे उन्हें बुक्स ऑफ अकाउंट्स मेनटेन करने की जरूरत नहीं पड़ती है। उन्हें अपने अकाउंट्स का ऑडिट भी नहीं कराना पड़ता है। यूनियन बजट 2023 में सेक्शन 44AD के तहत बिजनेसेज के लिए टर्नओवर की लिमिट बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी गई है। सेक्शन 44ADA के तहत प्रोफेशनल्स के लिए लिमिट बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दी गई है। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए शर्त यह है कि उनकी कैश रिसीट्स उनके कुल रेवेन्यू के 5 फीसदी से कम होनी चाहिए।
4. फिशरीज सेक्टर में MSME
यूनियन बजट 2023 में पीएम मत्स्य संपदा योजना नाम से एक नई सब-स्कीम का ऐलान किया गया है। इस योजना पर 6000 करोड़ रुपये निवेश की योजना है। इससे मछुआरे, फिश वेंडर्स और माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज की वैल्यू चेन क्षमता में सुधार होगा। साथ ही मार्केट का विस्तार होगा।
5. पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (PM VIKAS)
यूनियन बजट 2023 में पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों की सहायता के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान किया गया है। ये कारीगर टूल्स के इस्तेमाल अपने हाथों से उत्पाद तैयार करते हैं। नई स्कीम से उन्हें अपने उत्पादों की क्वालिटी में सुधार करने और अपने प्रोडक्ट्स को MSME वैल्यूचेन के साथ इंटिग्रेट करने में मदद मिलेगी। इस स्कीम के तहत वित्तीय सहायता, एडवान्स स्किल ट्रेनिंग, आधुनिक टेक्नोलॉजी का ज्ञान, ब्रांड प्रमोशन, लोकल और ग्लोबल मार्केट के साल लिंकेज, डिजिटल पेमेंट्स और सोशल सिक्योरिटी की सुविधा मिलेगी। इस स्कीम का फोकस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को मिलेगा।