लुधियाना (The News Air)पंजाब के जिला लुधियाना में जर्जर इमारतों की संख्या लगातार हर वर्ष बढ़ रही है। बरसात के दिनों में इन इमारतों के बड़े हिस्से गिर भी चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक 2019 के बाद नगर निगम ने जमीनी स्तर पर महानगर में जर्जर इमारतों का सर्वे तक नहीं करवाया। बात करें घंटा घर से तो लाजपत राय परिसर जर्जर हालत में है, जबकि इमारत में 9 दुकानें हैं।
1964 में बना यह कॉम्प्लेक्स, जिसमें लुधियाना स्टॉक एक्सचेंज हुआ करता था, नगर निगम (MC) द्वारा असुरक्षित घोषित कर दिया गया है।
मुख्य व्यवसायिक क्षेत्र स्थित जर्जर बिल्डिंग आस-पास की इमारतों, दुकानों और वहां रहने वाले लोगों के लिए खतरा पैदा करती है। टाउन प्लानर के एक अधिकारी ने कहा कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, शहर के विभिन्न हिस्सों में 250 से अधिक असुरक्षित इमारतें हैं, जो 85 वार्डों में शामिल हैं। ये सभी नगर निगम के जोन ए के अधीन आती हैं।
बार-बार ऐसी इमारतों के ढहने और मौतें होने की घटनाओं के बाद भी अधिकारियों ने इस संबंधी कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है।
जर्जर इमारतें।
असुरक्षित घोषित शेल्टर होम में भी चल रही तीन दुकानें
नगर निगम मानसून के आने से पहले ऐसे भवनों के मालिकों को नोटिस जारी कर खाली करने को कह चुका है। यदि कोई अप्रिय घटना इन इमारतों में हो जाती है तो वह खुद जिम्मेदार है। घंटा घर के नजदीक अस्थायी दुकान चलाने वाले श्यामलाल यादव ने कहा कि हर बारिश में इमारतों से प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा गिर जाता है।
इमारत में गहरी दरारें आ गई हैं और अधिकारियों को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इमारत का पुनर्निर्माण कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर साल नोटिस जारी करने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उसी गली में MC का पुराना शेल्टर होम है, जिसे असुरक्षित घोषित किया गया है, लेकिन वहां लगभग तीन दुकानें चल रही हैं।
नौघरा मोहल्ला के 100 मीटर दायरे में 3 असुरक्षित इमारतें
शहर के पुराने हिस्सों में व्यवसायिक क्षेत्रों के साथ-साथ चौड़ा बाजार, दरेसी रोड, लक्कड़ बाजार, फील्ड गंज, शाही मोहल्ला और इकबाल गंज चौक के रिहायशी इलाकों में भी जर्जर भवन स्थित हैं। नौघरा मोहल्ला निवासी त्रिभुवन थापर ने कहा कि उनके घर के महज 100 मीटर इलाके में तीन असुरक्षित इमारतें हैं।
क्षेत्र में लगभग एक सदी पुरानी इमारत की नींव में दरारें आ गई हैं। इमारत का एक हिस्सा सालों पहले ढह गया था। अब इमारत का वह हिस्सा जो अपने आप लटक रहा है, इससे निवासियों के लिए खतरा बन गया है। उन्होंने कहा कि पहले कई बार लोगों ने ऐसी इमारतों के बारे में शिकायतें दी हैं, लेकिन निगम मौन है।
फरवरी माह में हो चुका हादसा
फरवरी 2023 में चौड़ा बाजार में कर्ता राम स्ट्रीट में एक सदी पुरानी आवासीय इमारत का हिस्सा गिरने के बाद तीन लोगों को गंभीर चोट आई थी। नगर निगम द्वारा भवन को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया था। पिछले साल अगस्त में गिल रोड पर साइकिल बाजार के पास एक पुरानी इमारत की दीवार गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई थी और तीन घायल हो गए थे।
टाउन प्लानर ने पहले ही पंजाब नगर निगम अधिनियम, 1976 की धारा 273 के तहत इमारत के मालिक को नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि मालिक को इमारत को गिरा देना चाहिए या इमारत के गिरने की स्थिति में वह किसी भी अप्रिय घटना के लिए जिम्मेदार होगा। जिन दुकानदारों की दुकानें परिसर के पास हैं, उनका कहना है कि इस ढांचे को तोड़कर फिर से बनाया जाना चाहिए।
2019 में 113 असुरक्षित इमारतें की गईं काउंट
नगर निगम द्वारा 2019 में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, शहर में 113 असुरक्षित इमारतें थीं और हर साल ऐसी संरचनाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है। नगर निगम कमिश्नर शेना अग्रवाल ने कहा कि इमारतों की पहचान करने के बाद निगम असुरक्षित इमारतों के मालिकों और रहने वालों को इमारत खाली करने के बारे में नोटिस जारी करता है।
निगम के पास सिर्फ नोटिस जारी करने का अधिकार
उन्होंने कहा कि सूची पुलिस के साथ भी साझा की जाती है, ताकि आपात स्थिति में आसपास के इलाकों के निवासियों को निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसी जर्जर इमारतों की पहचान करने की प्रक्रिया भी चल रही है। उन्होंने कहा कि निगम के पास केवल मालिकों को नोटिस जारी करने का अधिकार है। असुरक्षित इमारतों की संख्या बढ़ रही है, सर्वेक्षण से पता चलता है।