Monsoon Session of Parliament : देश की संसद (Parliament) का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त 2025 तक चलेगा। इसकी जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju, Minister of Parliamentary Affairs) ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि यह सत्र रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh, Defence Minister) की अध्यक्षता में हुई संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की सिफारिश के आधार पर तय किया गया है और इसकी मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया है।
सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब विपक्षी दल (Opposition Parties) लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले और उसके बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर विशेष संसद सत्र बुलाया जाए। हालांकि रिजिजू ने स्पष्ट किया कि मॉनसून सत्र के दौरान नियमों के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
इस सत्र को खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि पहलगाम आतंकी हमला (Pahalgam Terror Attack) और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह संसद का पहला सत्र होगा। माना जा रहा है कि सदन में इस मुद्दे पर जमकर बहस और हंगामा होगा। विपक्षी दल पहले ही संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर सक्रिय हैं। इंडिया अलायंस (INDIA Alliance) के 16 दलों ने इस मांग के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi, Prime Minister) को पत्र लिखा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge, Congress President) ने इस विषय को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा, “हम पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपनी सामूहिक मांग को दोहराते हैं।” इस पत्र में राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी (TMC MP Abhishek Banerjee) सहित कई नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं।
विपक्ष ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि उसने देश के नागरिकों और उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों को पहलगाम हमले, पुंछ (Poonch), उरी (Uri) और राजौरी (Rajouri) जैसे क्षेत्रों में हुए हालिया संघर्ष और नागरिक हत्याओं की जानकारी से अंधेरे में रखा है। साथ ही, विपक्ष ने भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव, युद्धविराम घोषणाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर असर को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
इस सत्र में एक और बड़ा मुद्दा सामने आ सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma, High Court Judge) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव (Impeachment Motion) भी पेश कर सकती है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू इस विषय पर विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क कर चुके हैं।
इस बार का मॉनसून सत्र कई अहम मुद्दों को लेकर बेहद संवेदनशील और संभावित रूप से तनावपूर्ण हो सकता है। संसद में सरकार और विपक्ष आमने-सामने होंगे, और पूरे देश की निगाहें इस सत्र पर टिकी होंगी।