India Monsoon News: भारत में इस साल सामान्य से कम बारिश रहने की संभावना है। मौसम को लेकर पूर्वनुमान बताने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट (Skymet) ने सोमवार को जारी एक बयान में ये जानकारी दी। स्काईमेट ने कहा कि अल नीनो (El Nino) के अलावा इस साल मानसून को कई अन्य चीजें भी प्रभावित कर सकती हैं। एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा, “कृषि का कटोरा कहे जाने वाले पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे उत्तर भारत के राज्यों में इस साल की दूसरी छमाही में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।” भौगोलिक इलाकों को लेकर बात करें तो, स्काईमेट को उम्मीद है कि देश के उत्तरी और मध्य भागों में सामान्य से कम बारिश का जोखिम होगा।
इसने एक अन्य ट्वीट में कहा, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में मानसून के मुख्य महीनों- जुलाई और अगस्त के मुख्य महीनों के दौरान अपर्याप्त बारिश होगी। स्काईमेट ने 4 जनवरी 2023 को जारी साल के अपने पहले पूर्वानुमान में भी मानसून के औसत से कम रहने की भविष्यवाणी की थी। एजेंसी ने इसी भविष्यवाणी को बरकरार रखा है।
बता दें कि भारत सरकार का मौसम विभाग भी जल्द ही मानसून को लेकर अपना सालाना पूर्वनुमान जारी करने वाला है।
स्काईमेट ने इस साल मानूसन सीजन (जून से सितंबर) में बारिश के सामान्य का 94% रहने का अनुमान जताया है। स्काईमेट के मैनेजिंग डायरेक्ट जतिन सिंह ने एक बयान में कहा, “पिछले 4 सालों से ला नीना के चलते मॉनसूल के दौरान लगातार सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हुई है। लेकिन इस बार भूमध्य सागर में अल नीनो के बनने की संभावना काफी बढ़ता जा रहा है। अल नीनो की वापसी से इस साल मॉनसून सीजन कमजोर रह सकता है।”
अल नीनो के अलावा, कई अन्य चीजें भी हैं जो मानसून को प्रभावित करतीं हैं। इंडियन ओशन डिपोल (IOD) में मानसून को नियंत्रित करने और पर्याप्त रूप से मजबूत होने पर अल नीनो के असर को कम करने की क्षमता है। IOD फिलहाल न्यूट्रल है और मॉनसून की शुरुआत में यह मध्यम सकारात्मक होने की ओर झुक रहा है। अल नीनो और IOD के ‘चरण से बाहर’ होने की संभावना है और इसके चलते बारिश के मासिक वितरण में काफी बदलाव हो सकता है। सीजन का दूसरा भाग अधिक असामान्य होने की उम्मीद है।
स्काईमेट के ट्वीट को आप नीचे देख सकते हैं-






