नई दिल्ली, 04 जनवरी (The News Air) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नाबार्ड द्वारा आयोजित चार दिवसीय ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का उद्घाटन करते हुए ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और प्रत्येक गांव में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का प्राथमिक उद्देश्य गांवों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है और इसे सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाओं और अभियानों की शुरुआत की गई है।
गांवों में बदलाव का विजन: प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य गांवों को विकास और अवसरों के केंद्रों में बदलना है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, आयुष्मान भारत और डिजिटल तकनीकों से गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने जैसी कई योजनाओं का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। इसके अलावा, 70,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है।
ग्रामीण महिलाओं और कारीगरों के लिए योजनाएं: प्रधानमंत्री ने महिलाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि गांवों की महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने विश्वकर्मा योजना और सहकारिता मंत्रालय की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो पारंपरिक कारीगरों और किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य दिलाने में मदद कर रहा है।
ग्रामीण बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व सुधार: मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चार लाख किलोमीटर सड़कें बनाई गईं। उन्होंने सीमावर्ती गांवों के विकास पर भी जोर दिया और वाइब्रेंट विलेज योजना की सफलता को साझा किया।
कृषि और ग्रामीण आय में सुधार: प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती, सूक्ष्म सिंचाई और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की ताकत का उपयोग करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अमूल जैसी और सहकारी समितियां बनाने की बात कही और ग्रामीण उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान देने का सुझाव दिया।