Parliament Special Session: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र (Special Session of Parliament) तुरंत बुलाने की मांग की है। यह मांग पहलगाम (Pahalgam) आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम (India-Pakistan Ceasefire) की घोषणाओं पर चर्चा के लिए रखी गई है।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को विपक्ष की ओर से दोहराया है। उनका कहना है कि संसद को पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और युद्धविराम (Ceasefire Declaration) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने विशेष तौर पर इस बात का ज़िक्र किया कि वाशिंगटन डीसी (Washington DC) में पहले और फिर भारत (India) व पाकिस्तान (Pakistan) की सरकारों द्वारा संघर्षविराम की घोषणाएं की गईं, जिस पर संसद में विचार ज़रूरी है।
श्री खरगे ने कहा कि ये मुद्दे सिर्फ सुरक्षा से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति (International Diplomacy) और भारत की रणनीतिक स्थिति (Strategic Position) से भी जुड़े हैं। इसलिए संसद का विशेष सत्र बुलाना आवश्यक है ताकि देशहित में व्यापक चर्चा की जा सके।
खरगे ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने पहले ही 28 अप्रैल को लोकसभा में पहलगाम हमले पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। इसके अलावा, राहुल गांधी ने अपने पत्र में ज़ोर दिया कि प्रधानमंत्री को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के संघर्षविराम को लेकर किए गए ट्वीट्स को लेकर भी चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि इससे पहले भारत और पाकिस्तान ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की थी।
राहुल गांधी ने यह भी उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री इस मांग को गंभीरता से लेंगे और संसद का विशेष सत्र बुलाकर देश को इन संवेदनशील मसलों पर जवाब देने का अवसर देंगे।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों हुई सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) में भी संसद का विशेष सत्र बुलाने की बात दोहराई थी, जिससे ये साफ है कि कांग्रेस इन मुद्दों पर जल्द से जल्द संसदीय बहस चाहती है।
विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में साफ ज़ाहिर होता है कि Operation Sindoor, Pahalgam Terror Attack और Ceasefire Announcements जैसे गंभीर मुद्दों पर संसदीय चर्चा की आवश्यकता महसूस की जा रही है। अगर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाता है, तो यह न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मज़बूत करेगा बल्कि इन संवेदनशील विषयों पर पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।







