Mohan Bhagwat Statement on Retirement Age: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) द्वारा 75 वर्ष की उम्र पार करने वाले नेताओं को ‘ससम्मान विदा’ होने की सलाह देना सियासी हलकों में एक बड़े भूचाल का कारण बन गया है। इस टिप्पणी को विपक्ष, खासकर कांग्रेस (Congress), ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर सीधा हमला मानते हुए रिटायरमेंट की मांग कर डाली है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने सोशल मीडिया पोस्ट में तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी 17 सितंबर 2025 को 75 वर्ष के हो जाएंगे और यह ‘घर वापसी’ उनके लिए एक चेतावनी की तरह है। उन्होंने याद दिलाया कि मोहन भागवत स्वयं भी 11 सितंबर 2025 को 75 वर्ष के हो जाएंगे। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने भी कहा, “अब दोनों अपना झोला उठाइए और एक-दूसरे को मार्गदर्शन दीजिए।”
इस पूरे बयान को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वही नियम खुद पर भी लागू करना चाहिए, जो उन्होंने भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेताओं जैसे लालकृष्ण आडवाणी (L.K. Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) और जसवंत सिंह (Jaswant Singh) पर लागू किया था। राउत ने यह भी याद दिलाया कि पीएम मोदी मार्च में नागपुर (Nagpur) स्थित संघ मुख्यालय गए थे, जो संभवतः रिटायरमेंट से संबंधित चर्चा का हिस्सा था।
शिवसेना (UBT) की ही सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने भी मोहन भागवत के बयान को बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन का स्पष्ट संकेत बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान उस व्यक्ति के लिए है जो इसी सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे।
भागवत ने नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जब आप 75 के हो जाएं, तो इसका मतलब है कि अब आपको पीछे हट जाना चाहिए और अगली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाना चाहिए। उन्होंने संघ विचारक मोरोपंत पिंगले (Moropant Pingale) की उस राय का उल्लेख किया जिसमें 75 साल की उम्र को सम्मानपूर्वक विदा लेने का संकेत माना जाता है।
गौरतलब है कि आरएसएस और बीजेपी में उम्र सीमा को लेकर पहले भी विवाद रहा है। भाजपा ने कई वरिष्ठ नेताओं को 75 वर्ष की उम्र के बाद ‘मार्गदर्शक मंडल’ में भेज दिया था। हालांकि, इस नीति को नरेंद्र मोदी पर लागू किया जाएगा या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है।
भाजपा की ओर से हालांकि इन आरोपों को खारिज किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मई 2023 में कहा था कि भाजपा के संविधान में सेवानिवृत्ति की कोई उम्र तय नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2029 तक देश का नेतृत्व करते रहेंगे।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि भागवत का बयान सिर्फ एक सामान्य टिप्पणी नहीं, बल्कि बीजेपी और आरएसएस के बीच नेतृत्व और राजनीतिक भविष्य को लेकर गंभीर बहस की ओर इशारा करता है। विपक्ष ने जहां इसे अपने राजनीतिक हथियार में बदल लिया है, वहीं भाजपा ने अब तक इस पर आधिकारिक रूप से सफाई देने से परहेज़ किया है।
देश के अच्छे दिन आने वाले हैं
भागवत और मोदी जाने वाले हैं pic.twitter.com/tYAqktyfSj— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) July 11, 2025






