चंडीगढ़, 16 नवंबर (राजक कुमार) आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के मुख्य प्रवक्ता विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने पंजाब के सीमावर्ती इलाकों के लंबे समय से अटके मुद्दों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने बार-बार प्राकृतिक आपदाओं और भारी नुकसान के बावजूद कोई सहायता नहीं देने के लिए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। मीडिया को संबोधित करते हुए धालीवाल ने कहा कि सीमावर्ती पट्टी के लोगों ने युद्ध के समय, सीमा पार तनाव और हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान बहुत दुख झेले हैं, लेकिन केंद्र उनका समर्थन करने में लगातार विफल रहा है।
धालीवाल ने खुलासा किया कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को एक आधिकारिक पत्र लिखा है, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) के तहत फंड को तुरंत फिर से शुरू करने और जारी करने की अपील की गई है। उन्होंने इस पत्र की प्रतियां (कॉपियां) केंद्रीय गृह मंत्री और पंजाब के राज्यपाल को भी भेजी हैं, जिसमें तत्काल हस्तक्षेप की अपील की गई है। धालीवाल ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र अनोखी और गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इस साल बाढ़ ने भी जान-माल, फसलों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया, फिर भी केंद्र ने राहत के लिए एक भी रुपया जारी नहीं किया।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने बाढ़ के दौरान वित्तीय सहायता की घोषणा की थी, लेकिन वे फंड कभी जारी नहीं किए गए। उन्होंने आगे कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, केंद्र ने पंजाब के सीमावर्ती निवासियों की मदद करने के लिए कोई इच्छा नहीं दिखाई है।
धालीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि सीमावर्ती गांवों की कई मुख्य विकास जरूरतों को पूरा करने की जरूरत है, जिनमें सड़कें, सिंचाई, आपदा प्रबंधन और आवश्यक बुनियादी ढांचा शामिल है। उन्होंने कहा, “अगर केंद्र सरकार आज बीएडीपी फंड जारी कर दे, तो हम सीमावर्ती गांवों की तस्वीर बदल सकते हैं। हम सिर्फ वही मांग रहे हैं जो हमारे लोगों का हक है।”
मुख्यमंत्री भगवंत मान के प्रयासों की सराहना करते हुए धालीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार लगातार सीमावर्ती निवासियों की मदद कर रही है, और अब ऐसा करना केंद्र की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह, सीमावर्ती क्षेत्र के सरपंचों के साथ, जल्द ही केंद्रीय फंड को तत्काल जारी करवाने की मांग को लेकर पंजाब के राज्यपाल से मिलेंगे।
धालीवाल ने जोर देकर कहा कि पंजाब ने हमेशा देश की रक्षा की है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार भी पंजाब के सीमावर्ती गांवों के लोगों के साथ खड़ी हो।






