Mehbooba Mufti on Iran and Israel Conflict — पीडीपी (PDP) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने मंगलवार को एक बड़ा बयान देते हुए ईरान (Iran) की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इजरायल (Israel) के साथ संघर्ष के बाद ईरान अब मुस्लिम देशों का वास्तविक नेता बनकर उभरा है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान ने अमेरिका (America) और इजरायल को उनके ही युद्ध में घुटनों पर ला दिया है।
महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में कहा कि ईरान के नेतृत्व ने जो साहस और दृढ़निश्चय दिखाया है, वह पूरे मुस्लिम जगत के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने ईरानी सेना और नागरिकों के आत्मबल की प्रशंसा करते हुए कहा कि “उनके पास भले ही परमाणु हथियार न हों, लेकिन उनके पास विश्वास और शहादत की भावना है।”
इजरायल को अमेरिका का ‘चापलूस’ बताते हुए महबूबा ने कहा कि ईरान ने दोनों देशों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा, “अब जब डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) संघर्ष विराम की बात कर रहे हैं, इसका सीधा मतलब है कि यह युद्ध अमेरिका और इजरायल की अपेक्षाओं के उलट रहा है।”
महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि इस संघर्ष में ईरान मुस्लिम देशों का नया नेता बनकर उभरा है, जबकि बाकी मुस्लिम देश सिर्फ बयानबाज़ी तक ही सीमित रहे। उन्होंने अमेरिका पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “यह देश हमेशा मुस्लिम देशों पर मनमर्जी से हमला करता रहा है — चाहे वह इराक (Iraq), अफगानिस्तान (Afghanistan), लीबिया (Libya) या सीरिया (Syria) हो। लेकिन इस बार अमेरिका को ईरान पर हमला करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है।”
पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के लिए नामित करने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा ने इसे “बचकाना और असमयिक” बताया। उन्होंने कहा, “एक ऐसे व्यक्ति को नोबेल के लिए नामित करना जो यह तक नहीं जानता कि वह अगले पल क्या कहने वाला है, यह बेहद निराशाजनक है।”
महबूबा मुफ्ती के इस बयान ने जहां एक तरफ भारत में सियासी हलचल बढ़ा दी है, वहीं अंतरराष्ट्रीय पटल पर ईरान के समर्थन को भी एक नई आवाज मिल गई है। ईरान-इजरायल संघर्ष के बाद बदलते वैश्विक समीकरणों में यह बयान निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है।