डोडा में सैनिकों के मारे जाने के बाद महबूबा मुफ्ती का फूटा गुस्सा, DGP को…

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Mehbooba Mufti slams Jammu and Kashmir DGP: जम्मू-कश्मीर में बढ़ी आतंकी घटनाएं और 50 से अधिक सैनिकों के मारे जाने का दावा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को राज्य के डीजीपी पर अपना गुस्सा उतारा। राजनैतिक दलों के आतंकी कनेक्शन का बयान देने वाले डीजीपी को महबूबा मुफ्ती ने पॉलिटिकल फिक्सर बताते हुए बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले 32 महीनों में हुए आतंकी हमलों में 50 सैनिक मारे जा चुके हैं लेकिन अभी तक राज्य पुलिस प्रमुख की जवाबदेही तय नहीं हो सकी। आतंकी हमलों के लिए जवाबदेही की मांग करते हुए मुफ्ती ने कहा कि अब तक आतंकियों के सिर कट जाने चाहिए थे। डीजीपी आरआर स्वैन को अब तक बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

महबूबा मुफ्ती में राज्य में बढ़ी आतंकी घटनाओं पर डीजीपी को घेरा

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने डोडा में आतंकियों के हमले में सेना के कैप्टन सहित तीन जवानों की मौत पर दु:ख जताते हुए कहा कि डोडा में जो हुआ, वह बेहद निंदनीय है। इस हमले में हमने अपने बहादुर सैनिकों और अधिकारियों को खो दिया। लेकिन इसकी कोई जवाबदेही नहीं है। मौजूदा डीजीपी राजनीतिक रूप से चीजों को ठीक करने में अधिक व्यस्त हैं। राज्य की सिक्योरिटी को दुरुस्त करने की बजाय वह पीडीपी को कैसे कुचला जाए और लोगों को कैसे परेशान किया जाए इस बारे में अधिक चिंतित हैं।

जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों को पाकिस्तानी मानते हैं डीजीपी

महबूबा मुफ्ती ने डीजीपी आरआर स्वैन पर हमला बोलते हुए कहा कि डीजीपी स्थानीय लोगों को पाकिस्तानी मानते हैं और उन्हें अलग-थलग कर रहे हैं। पासपोर्ट और पिछले रिकॉर्ड के सत्यापन को हथियार बनाया गया है। अधिक से अधिक लोगों के खिलाफ यूएपीए लगाया जा रहा है। व्यापारियों को धंधा नहीं करने दिया जा रहा। मौलवियों को भी परेशान किया जा रहा है। उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है। बार एसोसिएशन के लोगों को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर में डीजीपी की जरूरत, फिक्सर की नहीं…

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमें यहां जम्मू-कश्मीर में ‘फिक्सर’ की जरूरत नहीं है, हमें डीजीपी की जरूरत है। कोई भी सांप्रदायिक आधार पर काम नहीं करता था लेकिन आज यह सांप्रदायिक आधार पर हो रहा है। डीजीपी के छहसालों के काम पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जवान हर दिन सीमा पर मारे जा रहे हैं। भारत सरकार की ओर से इस पर कोई जांच नहीं की जा रही है। वे इसके लिए मुख्यधारा की पार्टियों को दोषी ठहराते हैं। छह सालों से केंद्र सरकार यहां शासन कर रही है और निर्दोष लोगों को टारगेट किया जा रहा है।

सोमवार को आतंकियों से एनकाउंटर में मारे गए कैप्टन सहित पांच जवान

दरअसल, सोमवार की शाम को डोडा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन और तीन सैनिकों सहित पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए। यह हमला कठुआ जिले में सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैन्यकर्मियों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद हुआ है।

डीजीपी के बयान से गरमायी जम्मू-कश्मीर की सियासत

डोडा जिले में आतंकी हमले में कैप्टन सहित भारतीय जवानों के मारे जाने के बाद डीजीपी आरआर स्वैन के बयान ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। डीजीपी ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा की पार्टियों के नेता राजनीतिक लाभ के लिए आतंकी नेटवर्क के नेताओं को बढ़ावा दे रहे हैं। सोमवार को आईआईएम जम्मू में एक समारोह में बोलते हुए डीजीपी स्वैन ने मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं पर मारे गए आतंकवादियों के घर जाकर सार्वजनिक रूप से सहानुभूति व्यक्त करने का आरोप लगाया था।

डीजीपी स्वैन ने कहा घाटी में तथाकथित मुख्यधारा और क्षेत्रीय राजनीति की बदौलत पाकिस्तान ने नागरिक समाज के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में सफलतापूर्वक घुसपैठ की है। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि कई लोगों ने खरगोश के साथ दौड़ने और शिकारी कुत्तों के साथ शिकार करने की कला सीख ली है, जिससे आम आदमी और सुरक्षाकर्मी दोनों ही हैरान, भयभीत और भ्रमित हैं।

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