फिरोजपुर (The News Air) पंजाब के फिरोजपुर स्थित जीरा शराब फैक्ट्री मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को बंद करवाए जाने की मांग को लेकर किसान सगठनों द्वारा आज किसान व दूसरे संगठनों की बड़ी बैठक बुलाई गई है। पहले यह बैठक फैक्ट्री के बाहर 8 महीने से चल रहे धरना स्थल पर होनी थी, परंतु मौसम के खराब होने को देखते हुए बैठक जीरा अनाज मंडी में हाे रही है।
हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही फैक्ट्री को बंद करने के आदेश दिए है, लेकिन किसान संगठन इसे स्थाई रूप से बंद करने की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि जीरा शराब फैक्ट्री को बंद करवाने के लिए किसान संगठन 24 जुलाई 2022 से धरने पर बैठे थे। किसान संगठनों का आरोप कि फैक्ट्री के दूषित पानी से जीरा और उसके आसपास के गांवों में भूमिगत जल जहरीला हो रहा था। गांव के लोग कैंसर, काला पीलिया जैसी बीमारियों की चपेट में आने लगे थे। आंदोलन के दौरान करीब एक हजार किसानों पर मामले भी दर्ज हुए।
हाईकोर्ट ने लगाया था पंजाब सरकार पर जुर्माना
जीरा शराब फैक्ट्री का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट भी पहुंचा। हाईकोर्ट ने फैक्ट्री गेट के पास से प्रदर्शनकारियों को न उठाने पर पंजाब सरकार को 20 करोड़ का जुर्माना तक लगा दिया था। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि प्रदर्शनकारियों को फैक्ट्री से 300 मीटर दूर किया जाए। करीब 40 गांवों के लोगों ने पक्का मोर्चा शराब फैक्ट्री के बाहर लगाया था। शराब फैक्ट्री चलाने वाली कंपनी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा कि इस यूनिट को लगाने में 300 करोड़ निवेश किए गए हैं।
विरोध के बाद CM ने बंद करने का फैसला किया
200 करोड़ बाजार से उठाए गए थे। फैक्ट्री चलाने और स्टाफ पर डेढ़ करोड़ का खर्च है और दो करोड़ प्रति माह किस्त देनी पड़ती है। सरकार प्रदर्शनकारियों से मिली हुई है। इस कारण हर महीने उनका करोड़ों रुपयों का नुकसान हो रहा है। किसानों के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि फैक्ट्री से इलाके का वातावरण संतुलन बिगड़ सकता था। पर्यावरण और मानवीय जीवन पर पड़ने वाले बुरे
प्रभावों को देखते हुए राज्य सरकार ने तुरंत प्रभाव से इसे बंद करने का फैसला किया है।