Waqf Amendment Act West Bengal : पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में वक्फ (Waqf) संशोधन अधिनियम को लागू नहीं किया जाएगा। कोलकाता (Kolkata) में जैन समुदाय (Jain Community) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने साफ शब्दों में कहा कि वे राज्य के अल्पसंख्यकों और उनकी संपत्तियों की रक्षा करेंगी और किसी भी विभाजनकारी कानून को बंगाल की सरजमीं पर नहीं चलने देंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं जानती हूं कि वक्फ अधिनियम के लागू होने से कई लोग दुखी हैं। लेकिन आप सब भरोसा रखें, बंगाल में कुछ ऐसा नहीं होगा जिससे कोई बांटने की राजनीति कर सके।” ममता बनर्जी ने साथ ही जनता से अपील की कि वे उन लोगों की बातों में न आएं जो उन्हें राजनीतिक आंदोलन में उलझाना चाहते हैं।
मुर्शिदाबाद (Murshidabad) जिले में मंगलवार को वक्फ विधेयक को लेकर हुई हिंसा का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि “बांग्लादेश (Bangladesh) की सीमा से लगे क्षेत्रों की स्थिति देखनी चाहिए। वक्फ विधेयक को अभी पारित नहीं किया जाना चाहिए था। हमारे पास 33% अल्पसंख्यक हैं, मैं उनके साथ क्या करूंगी? उनकी सुरक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है।”
गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को 3 अप्रैल को लोकसभा (Lok Sabha) और उसके अगले दिन राज्यसभा (Rajya Sabha) में पारित किया गया था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी।
ममता ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि “बंगाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत कभी एक थे। विभाजन बाद में हुआ, लेकिन जो लोग अब यहां हैं, उन्हें सुरक्षा देना राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने एकता का संदेश देते हुए कहा कि जब लोग एकजुट होते हैं तो वे दुनिया को भी जीत सकते हैं।
बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और समुदायों को आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं। “लेकिन जब दीदी (बनर्जी) यहां हैं, तो आपको डरने की जरूरत नहीं। मैं आपकी और आपकी संपत्तियों की पूरी रक्षा करूंगी,” उन्होंने आश्वासन दिया।
सभी धर्मों के प्रति सम्मान जताया – जैन समुदाय के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि वह सभी धर्मों के स्थलों पर जाती हैं और ऐसा करती रहेंगी। उन्होंने कहा, “अगर आप मुझे गोली भी मार देंगे, तो भी मैं इस एकता से अलग नहीं हो सकती। हर धर्म मानवता की भलाई के लिए प्रार्थना करता है और हम सबको उससे प्रेम है।”
ममता ने बताया कि वे दुर्गा पूजा, काली पूजा, जैन और बौद्ध मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च, गुरु रविदास मंदिर, यहां तक कि अजमेर शरीफ (Ajmer Sharif) और पुष्कर (Pushkar) में ब्रह्म मंदिर तक जाती हैं। उनके अनुसार यही भारत की पहचान है और वे इसे बनाए रखेंगी।
ममता बनर्जी के इस स्पष्ट रुख के बाद वक्फ अधिनियम को लेकर बंगाल में पैदा हुई असमंजस की स्थिति अब समाप्त हो सकती है, और अल्पसंख्यक समुदाय को एक भरोसे का संदेश मिला है कि उनकी संपत्ति और अधिकार सुरक्षित रहेंगे।