कोलकाता, 23 जनवरी (The News Air) : पश्चिम बंगाल की सीएम Mamata Banerjee ने सोमवार को कालीघाट मंदिर में पूजा की। इसके बाद उन्होंने कोलकाता के सड़कों पर सद्भाव रैली निकाली। वह मंदिर के अलावा मस्जिद और चर्च भी गई। रैली में पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए हमला किया। इसके बाद TMC (TMC) सुप्रीमो इंडिया गठबंधन के सहयोगियों कांग्रेस और सीपी (M) आई पर बरस पड़ीं। Mamata Banerjee ने साफ कर दिया कि वह पश्चिम बंगाल में सीटों का बंटवारा अपनी शर्तों पर ही करेंगी। Mamata Banerjee सीपीआई (M) के लिए एक सीट भी छोड़ने के मूड में नहीं है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC प्रमुख Mamata Banerjee ने कहा कि मैंने विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया दिया था। मगर यह देखकर तकलीफ होती है कि इंडिया की मीटिंग को सीपीआई (M) कंट्रोल करती है। मैं उन लोगों के साथ कैसे रह सकती हूं, जिनके खिलाफ मैंने 34 साल तक संघर्ष किया है। कुछ लोग सीट शेयरिंग पर हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। जो भी राज्य की सत्ता में है, सीट बंटवारे पर उसे फैसले का हक उसी को है।
क्या चाहती हैं TMC प्रमुख Mamata Banerjee : पार्क सर्कस मैदान में आयोजित रैली में TMC प्रमुख ने राम मंदिर के बहाने कांग्रेस नेताओं को घेर लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस नेताओं ने क्या साहस दिखाया है? TMC के पास बीजेपी से लड़ने की ताकत है। 1992 के बाबरी विध्वंस की चर्चा करते हुए Mamata Banerjee ने कहा कि पहले भी कांग्रेस का किसी नेता ने सड़क पर उतरने की हिम्मत नहीं दिखाई और न अब विरोध कर रहे हैं। TMC सुप्रीमो ने दावा किया कि 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद कोलकाता में दंगे हुए थे। उस समय उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव की बहाली सुनिश्चित करने के लिए तत्कालीन सीएम ज्योति बसु से संपर्क किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सीपीआई(एम) सीटों के अनुचित दावा कर बीजेपी को समर्थन कर रही है। ममता का दावा है कि TMC ही बीजेपी को बंगाल में रोक सकती है, इसलिए सीटों के बंटवारे पर उनकी बात मानी जानी चाहिए।
Congress को दो सीटों के ऑफर पर TMC कायम: TMC ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीट मालदा दक्षिण और बेरहामपुर देने की पेशकश की थी। यह दोनों सीट कांग्रेस ने 2019 के चुनाव में अपने दम पर जीती थीं। कांग्रेस TMC से पांच सीटें मांग रही है। इसके अलावा सीपीआई(एम) को भी दो-तीन सीटें देने की वकालत कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पहले ही TMC के ऑफर को खारिज कर चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस ने मुकुल वासनिक और अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की पांच सदस्यीय कमेटी से सीट बंटवारे पर बातचीत से इनकार कर दिया है। TMC ने साफ किया है कि वह कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में सिर्फ दो सीटें देंगी। 2019 के चुनावों में TMC को से 22 सीटें मिलीं थीं जबकि भाजपा 18 सीटें जीतने में कामयाब रही। सीपीआई(एम) को एक भी सीट नहीं मिली थी।
विधानसभा चुनाव में Congress का खाता भी नहीं खुला था: Mamata Banerjee की TMC का मानना है पश्चिम बंगाल में सीटों का बंटवारा उनकी मर्जी से हो। कांग्रेस और इंडिया के सहयोगी दल बंगाल छोड़कर देश के अन्य राज्यों में सीट शेयर करें। बंटवारे में उस पार्टी की बात मानी जाए, जो ज्यादा सीटें जीतने का माद्दा रखता हो। बंगाल में TMC बड़ी पार्टी है, इसलिए उसके मुताबिक ही गठबंधन के पार्टनर सीटों की डिमांड करे। Mamata Banerjee की एक और मुसीबत है। वामपंथ के लंबे शासन के दौरान उन्होंने लाल झंडे के खिलाफ संघर्ष किया था। अब लेफ्ट पार्टी भी इंडिया में शामिल है, जिसके साथ चुनाव लड़ने से TMC को भारी नुकसान हो सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में लेफ्ट पार्टियों के वोटरों ने बीजेपी को हराने के लिए TMC के साथ दिया। इस कारण खुद सीपीआई(एम) और कांग्रेस गठबंधन को एक सीट भी नहीं मिली। कांग्रेस अपने गढ़ में ही 3.02 प्रतिशत वोट हासिल कर सकी थी। इस आंकड़ों के हिसाब से ही टीएससी ने कांग्रेस के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं।