Farmers Protest 2.0 के तहत किसान अपनी 13 मांगों को लेकर एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। Minimum Support Price (MSP) की लीगल गारंटी और अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार से कल (14 फरवरी) चंडीगढ़ में अहम बैठक होनी है। इस बैठक से पहले आज शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर किसान अपनी तीसरी महापंचायत कर शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इस बीच, किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा (Baldev Singh Sirsa) की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें पटियाला (Patiala) के राजिंदरा अस्पताल (Rajindra Hospital) में भर्ती कराया गया है।
सिरसा बोले- “अगर मेरे को कुछ हो जाए, तो तब तक संस्कार मत करना”
अस्पताल में भर्ती किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने 33 सेकंड का एक संदेश जारी कर किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा,
“अगर मैं ठीक हो जाता हूं, तो मोर्चे पर लौटूंगा। लेकिन अगर मेरे को कुछ हो जाता है, तो मेरी देह को तब तक मोर्चे पर रखा जाए, जब तक सरकार किसानों की मांगें पूरी नहीं करती। जब तक किसानों और मजदूरों को इंसाफ नहीं मिलता, तब तक मेरा अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए।”
सरकार से अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी
किसानों की मांगों को लेकर अब तक केंद्र सरकार (Central Government) और किसान संगठनों के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है।
- पहली बैठक (8 फरवरी 2023) – चंडीगढ़ (Chandigarh) के सेक्टर-26 में हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal), अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) और नित्यानंद राय (Nityanand Rai) शामिल हुए थे।
- दूसरी बैठक (12 फरवरी 2023) – इस बैठक में भी तीनों केंद्रीय मंत्री मौजूद थे।
- तीसरी बैठक (15 फरवरी 2023) – इसमें भी दोनों पक्षों के बीच कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
- चौथी बैठक (18 फरवरी 2023) – इस बैठक में केंद्र सरकार के तीन मंत्री शामिल हुए, लेकिन किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।
इसके बाद अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन 21 फरवरी 2023 को जब किसान दिल्ली कूच कर रहे थे, तब खनौरी बॉर्डर (Khanauri Border) पर पुलिस से झड़प के दौरान युवा किसान नेता शुभकरण सिंह (Shubhkaran Singh) की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद किसानों ने CBI जांच की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
डल्लेवाल का आमरण अनशन 80वें दिन में दाखिल
भारतीय किसान यूनियन (BKU) एकता उग्राहां के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) पिछले 80 दिनों से अनशन पर बैठे हैं। अनशन शुरू करने से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति अपने परिवार के नाम कर दी थी।
- बेटे जगजीत सिंह को 4.5 एकड़ जमीन
- बहू हरप्रीत कौर को 2 एकड़ जमीन
- पोते जिगरजोत सिंह को 10.5 एकड़ जमीन
26 नवंबर को जब उन्होंने अनशन शुरू किया तो पंजाब पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती उठाकर लुधियाना (Ludhiana) के DMC अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन किसानों के दबाव में 1 दिसंबर को उन्हें वापस मोर्चे पर भेज दिया गया।
दिल्ली कूच की कोशिश हुई नाकाम
दिसंबर 2023 में किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस (Haryana Police) और दिल्ली पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया। पुलिस ने आंसू गैस (Tear Gas) और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर किसानों को रोकने की कोशिश की थी।
केंद्र सरकार पर बढ़ा दबाव
किसानों ने आंदोलन को तेज कर दिया है। उनकी मांग है कि MSP की गारंटी को कानूनी रूप दिया जाए और 2021 के किसान आंदोलन (Farmers Protest 2021) के दौरान दर्ज किए गए मामलों को वापस लिया जाए।
क्या होगी आज की महापंचायत में चर्चा?
- MSP कानून लागू करवाने की रणनीति
- शुभकरण सिंह की मौत पर CBI जांच की मांग
- दिल्ली कूच की नई रणनीति
- डल्लेवाल के अनशन को लेकर अगला कदम
किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।