महाराष्ट्र के सीएम और मंत्री स्विट्जरलैंड गए

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महाराष्ट्र, 05 अक्टूबर (The News Air): स्विट्जरलैंड स्थित एक कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार को 1.58 करोड़ रुपये के बिलों का कथित रूप से भुगतान नहीं करने पर कानूनी नोटिस भेजा है। यह बिल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके कुछ मंत्रियों के दौरे से संबंधित है। इस साल जनवरी में सीएम शिंदे दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में शामिल होने के लिए स्विट्जरलैंड की यात्रा पर गए थे। इस दौरान महाराष्ट्र का एक शिष्टमंडल भी उनके साथ गया था, जो राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए उस बैठक में शामिल हुआ था। दावोस प्रवास के दौरान एक कंपनी ने इन लोगों का आतिथ्य सत्कार किया। शिष्टमंडल होटल में जहां ठहरा और खाया-पीया, उसका कथित तौर पर भुगतान नहीं किया गया। इसलिए उस कंपनी ने 1.58 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने में विफल रहने पर महाराष्ट्र सरकार को कानूनी नोटिस भेजा है।आतिथ्य सत्कार करने वाली कंपनी SKAAH GmbH ने 28 अगस्त को इस बारे में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विश्व आर्थिक मंच सहित अन्य को नोटिस भेजते हुए आरोप लगाया है कि सरकारी कंपनी MIDC ने 1.58 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है, जबकि स्विस कंपनी ने 15 से 19 जनवरी के बीच आयोजित विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन के दौरान उपलब्ध कराई गई सेवाओं के लिए बिल जमा कर दिए थे।नोटिस के अनुसार, कुल बिल में से 3.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जबकि 1.58 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि संपर्क करने पर MIDC के CEO पी वेलरासु ने इस तरह का कोई नोटिस मिलने से इनकार किया है। उन्होंने कहा, “मुझे ऐसे किसी नोटिस की जानकारी नहीं है। हालांकि, एमआईडीसी वाउचर की जांच करेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा। मामले का गुण-दोष के आधार पर जल्द से जल्द फैसला किया जाएगा।”इधर, इस मामले पर राज्य के सियासी खेमे में खलबली मच गई है। शिवसेना यूबीटी के आदित्य ठाकरे और एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार सहित विपक्षी महा विकास अघाड़ी विधायकों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने दावोस यात्रा पर जरूरत से ज्यादा खर्च किया है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पवार ने दावा किया कि इस घटना ने विश्व आर्थिक मंच पर राज्य की छवि खराब कर दी है और निवेशकों को एक बुरा संदेश दिया है।‘एक्स’ पर पवार द्वारा पोस्ट किए गए नोटिस के कुछ हिस्सों के अनुसार, कंपनी ‘एसकेएएच जीएमबीएच’ को महाराष्ट्र प्रतिनिधिमंडल को खानपान और आतिथ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एमआईडीसी द्वारा नियुक्त किया गया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे जो निवेशकों को आकर्षित करने के लिए दावोस गया था। इसमें कहा गया है कि 1,58,64,625.90 रुपये का बकाया भुगतान किया जाना है। इस बीच, राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि यात्रा का आयोजन करने वाले महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) ने कहा है कि कंपनी के दावे के विपरीत दावोस यात्रा के दौरान कोई अतिरिक्त खर्च नहीं किया गया था।
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