Toll Loss Compensation Punjab को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। केंद्र सरकार (Central Government) ने पंजाब (Punjab) में बार-बार टोल प्लाजा (Toll Plazas) बंद किए जाने से हुए नुकसान को गंभीरता से लेते हुए अब इसकी भरपाई राज्य सरकार से करने की तैयारी कर ली है।
1638.85 करोड़ का नुकसान, केंद्र की नाराजगी
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने पंजाब के मुख्य सचिव ए.पी. सिन्हा (A.P. Sinha) को पत्र लिखकर अवगत कराया कि अक्टूबर 2020 से नवंबर 2024 तक टोल प्लाजा की बंदी के कारण सरकार को 1638.85 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर (V. Umashankar) द्वारा 4 अप्रैल को भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया कि इस वजह से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की परियोजनाओं के निर्माण और रखरखाव में बाधा आई है।
वित्त मंत्री हरपाल चीमा का पलटवार
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने केंद्र के दावे को खारिज करते हुए कहा कि टोल प्लाजा की बंदी किसानों (Farmers) की मांगों के चलते हुई थी, और ये मांगें सीधे तौर पर केंद्र सरकार से जुड़ी थीं। इसलिए यदि कोई नुकसान हुआ है तो उसकी भरपाई भी केंद्र सरकार को ही करनी चाहिए। चीमा ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार हमेशा किसान संगठनों से संवाद के पक्ष में रही है।
2024 में 1 महीने तक बंद रहे टोल
मंत्रालय के अनुसार 17 अक्टूबर से 13 नवंबर 2024 तक पंजाब के 24 टोल प्लाजा पूरी तरह से बंद रहे। बाद में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) के हस्तक्षेप के बाद ही इन टोल्स को दोबारा शुरू किया गया। वहीं, अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2021 तक टोल बंदी के कारण 1348.77 करोड़ का नुकसान हुआ था, और वर्ष 2022-23 के दौरान 41.83 करोड़ की हानि हुई।
सरकारी खजाने पर बढ़ता दबाव
मंत्रालय ने पत्र में स्पष्ट किया है कि टोल संचालन में बाधा आने से न केवल बुनियादी ढांचे (Infrastructure) के विकास में रुकावट आती है, बल्कि टोल वसूली से जुड़ी एजेंसियों के नुकसान की भरपाई भी केंद्र सरकार को करनी पड़ती है, जिससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
रोक लगानी जरूरी, नुकसान देश के विकास में बाधा
पत्र में यह भी उल्लेख है कि टोल वसूली से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) के विकास, रखरखाव और जीएसटी (GST) के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में होता है। इसलिए टोल बंद होने जैसी घटनाएं सीधे तौर पर देश के समग्र विकास पर असर डालती हैं। मंत्रालय ने पंजाब सरकार से अनुरोध किया है कि वह जिला प्रशासन के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में टोल वसूली बाधित न हो।
केंद्र बनाम राज्य: बढ़ता विवाद
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि यह मुद्दा अब केंद्र और पंजाब सरकार के बीच जिम्मेदारी तय करने का बड़ा विषय बन गया है। आने वाले समय में इस पर होने वाली बातचीत पर देशभर की निगाहें टिकी होंगी कि क्या समाधान निकलता है और कौन इस भारी भरपाई की जिम्मेदारी उठाता है।