MP New Excise Policy 2025 के तहत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 1 अप्रैल 2025 से शराब बिक्री पर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नई आबकारी नीति के तहत धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पूरी तरह बंद कर दी जाएगी।
सरकारी बयान के मुताबिक, इस फैसले से 47 शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। जिन प्रमुख शहरों में यह प्रतिबंध लागू होगा, उनमें उज्जैन (Ujjain), ओंकारेश्वर (Omkareshwar), महेश्वर (Maheshwar), मंडलेश्वर (Mandleshwar), ओरछा (Orchha), मैहर (Maihar), चित्रकूट (Chitrakoot), दतिया (Datia), अमरकंटक (Amarkantak) और सलकनपुर (Salkanpur) शामिल हैं।
इस फैसले के पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखना और नशा मुक्ति की दिशा में आगे बढ़ना बताया जा रहा है।
MP में ‘Low Alcoholic Beverage Bar’ की शुरुआत
नई आबकारी नीति के तहत MP में पहली बार ‘Low Alcoholic Beverage Bar’ खोलने की भी अनुमति दी गई है।
✅ इन बार में बीयर (Beer), वाइन (Wine) और रेडी-टू-ड्रिंक (Ready-to-Drink) पदार्थ ही बेचे जाएंगे।
✅ इनमें अल्कोहल की मात्रा 10% V/V (Volume on Volume) से कम होगी।
✅ इन बारों में व्हिस्की, रम, वोदका और अन्य हार्ड ड्रिंक्स की बिक्री नहीं होगी।
✅ फिलहाल मध्य प्रदेश में 460-470 बार हैं, लेकिन नए बार खुलने से इनकी संख्या बढ़ेगी।
सरकार का उद्देश्य है कि लोग हार्ड ड्रिंक्स की बजाय कम अल्कोहल युक्त उत्पादों का सेवन करें, जिससे शराब से होने वाली बीमारियों में कमी लाई जा सके।
सरकार को होगा 450 करोड़ का राजस्व नुकसान!
राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति को मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) की अध्यक्षता में 23 जनवरी 2025 को मंजूरी दी थी। हालांकि, इस फैसले से राज्य सरकार को लगभग 450 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान की संभावना है।
लेकिन MP सरकार का कहना है कि यह फैसला लोगों के स्वास्थ्य और धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए आवश्यक था।
MP में पूर्ण शराबबंदी लागू होगी?
मध्य प्रदेश में अभी बिहार (Bihar) और गुजरात (Gujarat) की तरह पूर्ण शराबबंदी लागू नहीं है।
✅ MP Excise Act के तहत प्रतिबंधित क्षेत्रों में शराब नहीं बेची जाएगी, लेकिन
✅ कोई व्यक्ति दूसरे इलाकों से शराब खरीदकर पी सकता है, इस पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
✅ बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 (Bihar Liquor Prohibition Act 2016) जैसा सख्त कानून लागू करने की जरूरत होगी, तभी पूर्ण शराबबंदी संभव होगी।
अधिकारियों के अनुसार, बिहार और गुजरात में शराबबंदी के बावजूद वहां अवैध शराब का कारोबार चलता रहता है, इसलिए MP में इस तरह के सख्त कानून पर फिलहाल विचार नहीं किया गया है।
शराब दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20% की बढ़ोतरी
राज्य सरकार ने आबकारी नीति 2025 के तहत शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क (License Renewal Fee) में 20% की बढ़ोतरी कर दी है।
इसका असर यह होगा कि:
- शराब कारोबारियों को पुरानी दुकानों का लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए ज्यादा पैसा देना होगा।
- सरकार को इस बढ़ोतरी से कुछ हद तक राजस्व नुकसान की भरपाई हो सकती है।
- नए नियमों से अवैध शराब बिक्री पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
MP सरकार के इस फैसले पर लोगों की राय क्या है?
सरकार के इस फैसले पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
➡️ धार्मिक संगठनों और नशा मुक्ति कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है।
➡️ शराब व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और अवैध बिक्री बढ़ सकती है।
➡️ कुछ लोगों का मानना है कि MP में भी बिहार की तरह सख्त शराबबंदी लागू होनी चाहिए।
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह शराबबंदी की दिशा में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है और जरूरत पड़ने पर आगे और सख्त फैसले लिए जा सकते हैं।