नई दिल्ली, 14 जुलाई (The News Air):आम आदमी पार्टी ने अवैध तरीके से सैकड़ों पेड़ काट कर दिल्लीवालों को वायु प्रदूषण में धकेलने की भाजपा और एलजी की साजिश पर गहरी चिंता जताई है। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने एलजी को ‘पेड़ों का हत्यारा’ बताते हुए कहा कि उन्होंने रिज क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट की बिना अनुमति के 1100 पेड़ कटवा कर दिल्ली को वायु प्रदूषण मुक्त बनाने के केजरीवाल सरकार के प्रयासों को ग्रहण लगाने का काम किया है। दिल्ली की हवा साफ करने के लिए सरकार ने पिछले 10 वर्षों मे करोड़ों पेड़ लगाकर ग्रीन कवर 23 फीसद से ज्यादा कर दिया है। इसके अलावा, इंडस्ट्री को पीएनजी में शिफ्ट किया, 1800 ई-बसें चलाई, 24 घंटे बिजली दी और 6 सिटी फॉरेस्ट भी विकसित कर रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड खुद कहता है कि एक परिपक्व पेड़ साल में 22 किलो कार्बन डाई ऑक्साइड खींचता है और दो लोगों की ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी करता है। ऐसे में एलजी को बताना चाहिए कि वो किस पूंजीपति मित्र को फायदा पहुंचाने के लिए बिना परमिशन लिए पेड़ काटने के निर्देश दिए?
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने रविवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि बीते 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए अनेकों लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कदम उठाए हैं। इस लॉन्ग टर्म पॉलिसी के तहत आज दिल्ली की सभी इंडस्ट्री सीएनजी से पीएनजी ईंधन पर आ चुकी हैं। आज दिल्ली में एक प्रगतिशील इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी है, जिसके तहत दिल्ली में, पूरे देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदे गए हैं। केजरीवाल सरकार ने पूरी दिल्ली में अब तक 1800 चार्जिंग स्टेशन बनाए हैं। लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर सब्सिडी दी जाती है। दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में करीब 1800 बसें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हैं, जिससे काफी हद तक प्रदूषण पर नियंत्रण पाया गया है। इसके अलावा दिल्ली में लोगों को 24 घंटे बिजली मिलती है, जिससे जनरेटर और इनवर्टर का इस्तेमाल बिल्कुल खत्म हो चुका है।
प्रियंका कक्कड़ ने आगे बताया कि इसी लॉन्ग टर्म पॉलिसी के तहत केजरीवाल सरकार पिछले 10 वर्षों में दिल्ली के ग्रीन कवर को ऐतिहासिक ऊंचाई पर ले गई है। आज दिल्ली का ग्रीन कवर 23 फीसद से ज्यादा है। बीते 4 सालों में ही दिल्ली में करीब 2 करोड़ पेड़ लगाए जा चुके हैं। दिल्ली में कुल 17 सिटी फॉरेस्ट मौजूद हैं और अब दिल्ली सरकार इसमें 6 अन्य सिटी फॉरेस्ट और शामिल करने जा रही है। शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन के पास, आईटीओ चुंगी पार्ट-2 के पास, मुखमेलपुर, शिकारपुर, आया नगर और जौनापुर में सिटी फॉरेस्ट बनाए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए लगातार काम कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के एलजी ने एक ईको सेंसिटिव जोन में सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना चोरी-छिपे 1100 पेड़ कटवा दिए। जबकि वहां एक भी पेड़ काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी होती है। बिना कोर्ट की इजाजत के उस सतबरी रिज एरिया से एक भी पेड़ काटना गैरकानूनी है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कहता है कि एक व्यक्ति के जीवन के लिए पेड़ कितने जरूरी हैं। बोर्ड की वेबसाइट का ‘ट्री एंड एनवायरनमेंट’ कॉलम कहता है कि एक परिपक्व पेड़ साल में 22 किलो कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है। साथ ही, ये पेड़ ऑक्सीजन छोड़ते हैं। एक पेड़ दो लोगों की सालाना ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त होता है। ये वायु को साफ करने के साथ-साथ जमीन और भूजल को भी साफ रखते हैं। पेड़ों की जड़ें बारिश के पानी को फिल्टर करने और मिट्टी में जरूरी खनिजों को अवशोषित करने का काम करती हैं। इसलिए आज के समय में दिल्ली में एक भी पेड़ काटना दिल्लीवालों के साथ अत्याचार है। एलजी साहब पेड़ों के हत्यारे हैं।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि एलजी ने 3 फरवरी को सतबरी रिज एरिया का दौरा किया और पेड़ काटने के मौखिक निर्देश दिए, जबकि वो इसकी अनुमति नहीं दे सकते है। सवाल उठता है कि उन्होंने अपने किस पूंजीपति मित्र को फायदा पहुंचाने के लिए खुद जाकर निर्देश दिए? जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आया तो उसने कई बार एलजी को फटकार लगाई और कहा कि आप अपने आप को कोर्ट मानने लगे हैं। केस की तीन सुनवाईयों तक एलजी ने लगातार सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया। वहीं, भाजपा दिल्लीवालों को यह बोलकर गुमराह करने में लगी रही कि दिल्ली सरकार ने इसकी इजाजत दी थी, जो कि संभव ही नहीं है क्योंकि इसकी अनुमति केवल सुप्रीम कोर्ट दे सकता है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब एलजी दिल्ली के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने नेताजी नगर, पूर्वी किदवई नगर, और नॉरोजी नगर में लगातार पेड़ कटवाए हैं। केंद्र सरकार को पूर्वी किदवई नगर में 9000 पेड़ लगाने थे, लेकिन एलजी ने वहां 1600 पेड़ काट दिए। इसी तरह, उन्होंने नॉरोजी नगर में 1302 पेड़ काट दिए, जबकि वहां उन्हें 14650 पौधे लगाने थे, वो नहीं लगाए गए। एलजी लगातार दिल्ली के पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है कि वे ऐसा क्यों और किसके कहने पर कर रहे हैं? वो सुप्रीम कोर्ट को क्यों गुमराह कर रहे हैं? भाजपा दिल्ली की जनता को क्यों गुमराह कर रही है? अगर एलजी दिल्ली के लिए कुछ अच्छा नहीं कर सकते तो कम से कम दिल्लीवालों को नुकसान पहुंचाना बंद करें।






