Health and Fitness Tips : अक्सर जिम जाने वाले लोग और Fitness को लेकर जागरूक लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि बॉडी बनाने के लिए Lean Protein बेहतर है या High Fat Protein। वहीं, भागदौड़ भरी जिंदगी में High Blood Pressure एक आम समस्या बन गई है। आज हम आपको बताएंगे कि मसल्स के लिए कौन सा प्रोटीन सही है, इमरजेंसी में बीपी कैसे कंट्रोल करें और वायरल Portfolio Diet क्या है।
मसल्स के लिए प्रोटीन का खेल
हमारी मांसपेशियों, हड्डियों, Skin और बालों को Protein की सख्त जरूरत होती है। खासकर जो लोग Exercise करते हैं और मसल्स बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह बेहद जरूरी है। लेकिन सवाल यह है कि Lean Protein और High Fat Protein में से क्या चुनें? अपोलो हॉस्पिटल्स की डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर ने इस कंफ्यूजन को हमेशा के लिए दूर कर दिया है।
लीन प्रोटीन: इंस्टेंट रिकवरी का राज
Lean Protein का मतलब है ऐसा प्रोटीन जिसमें Fat कम हो। यह आपको Unnecessary Calories बढ़ाए बिना Amino Acids देता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह जल्दी Digest हो जाता है। Workout के बाद जब शरीर को तुरंत रिकवरी की जरूरत होती है, तो लीन प्रोटीन सबसे अच्छा काम करता है। इसके मुख्य स्रोतों में Chicken Breast, अंडे का सफेद हिस्सा (Egg White), रोहू और सुरमई जैसी सफेद मछलियां, लो फैट दूध, दही, दाल, छोले और Soya शामिल हैं।
हाई फैट प्रोटीन: एनर्जी और हॉर्मोन्स के लिए
दूसरी तरफ, High Fat Protein में प्रोटीन के साथ-साथ Saturated या Unsaturated Fat भी होता है। इसका मतलब यह नहीं कि यह बुरा है। हमारे Hormones के बैलेंस और Energy Production के लिए फैट जरूरी है। सालमन मछली, मटन, फुल फैट दूध, Cheese, बटर और Nuts इसके अच्छे स्रोत हैं। यह धीमे पचता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा रहता है और Steady Energy मिलती है।
निचोड़: किसे क्या चुनना चाहिए?
अगर आप Weight Loss फेज में हैं, तो Lean Protein आपके लिए बेस्ट है क्योंकि यह Calorie Control में मदद करता है। वहीं, अगर आप मसल गेन या मेंटेनेंस फेज में हैं, तो आप अच्छी क्वालिटी का High Fat Protein भी ले सकते हैं। एक सामान्य व्यक्ति को अपने Body Weight के हिसाब से 1 से 1.5 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो लेना चाहिए।
हाई बीपी के लिए 5 इमरजेंसी टिप्स
सीके बिरला Hospital के डॉ. तुषार तायल के अनुसार, अगर अचानक सिर में तेज दर्द हो, चक्कर आए या सांस लेने में दिक्कत हो, तो यह High BP के लक्षण हो सकते हैं। अगर उस वक्त दवा न हो, तो ये 5 Tips आपकी जान बचा सकती हैं:
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खुद को शांत करें: सबसे पहले आराम से बैठ जाएं। जो काम कर रहे हैं उसे छोड़ दें। अगर Music से सुकून मिलता है तो उसे सुनें।
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ब्रीदिंग एक्सरसाइज: 4 Second तक नाक से सांस लें, 4 Second रोकें और फिर 4 Second तक मुंह से छोड़ें। ऐसा 5 Minute तक करने से Nervous System Relax होता है।
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पानी पिएं: कई बार Dehydration से बीपी बढ़ता है, इसलिए एक-डेढ़ गिलास पानी पिएं।
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कपड़े ढीले करें: अगर कपड़े टाइट हैं तो उन्हें ढीला कर लें। इससे खून का Flow सुधरता है।
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नमक और कैफीन बंद: तुरंत चाय, Coffee और नमक वाले Snacks खाना बंद कर दें।
अगर इसके बाद भी बीपी 180/120 से ज्यादा रहे और सीने में दर्द हो, तो यह Emergency है, तुरंत Doctor के पास जाएं।
कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली ‘पोर्टफोलियो डाइट’
न्यूट्रिक्योर डाइट क्लिनिक की डायटीशियन कविता ने वायरल Portfolio Diet के बारे में बताया है जो Plant Based है और Bad Cholesterol (LDL) को 17% तक कम कर सकती है। इस डाइट के 4 मुख्य स्तंभ हैं:
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Plant Based Protein (50 ग्राम): टोफू, सोया मिल्क, दालें और बीन्स।
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Nuts and Seeds (45 ग्राम): बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और अलसी के बीज। यह Healthy Fat देते हैं।
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Viscous Fiber (20 ग्राम): ओट्स, जौ, सेब, भिंडी और बैंगन। यह पेट को देर तक भरा रखता है और कोलेस्ट्रॉल बनने की प्रक्रिया धीमी करता है।
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Plant Sterols (2 ग्राम): एवोकाडो, ब्रोकली और सोया। यह आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकता है।
इस डाइट के दौरान मक्खन, घी और फैटी मीट जैसे Saturated Fats से परहेज करना होता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Weight Loss के लिए Lean Protein सबसे बेहतर विकल्प है, जबकि Energy के लिए High Fat Protein अच्छा है।
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अचानक BP बढ़ने पर 4-4-4 ब्रीदिंग तकनीक अपनाएं और तुरंत पानी पिएं।
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Portfolio Diet में प्लांट बेस्ड प्रोटीन, नट्स, फाइबर और प्लांट स्टेरोल्स का सही मिश्रण Cholesterol घटाता है।
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किडनी या लिवर के मरीजों को Doctor की सलाह के बिना प्रोटीन नहीं बढ़ाना चाहिए।






