नई दिल्ली 31 जनवरी (The News Air) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Elections 2025) से पहले आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को बड़ा झटका लगा है। महरौली (Mehrauli) से विधायक नरेश यादव (Naresh Yadav) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि AAP अब भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है।
नरेश यादव ने अपने इस्तीफे में लिखा, “मैंने आम आदमी पार्टी ईमानदारी की राजनीति के लिए जॉइन की थी, लेकिन आज कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही है। मैंने महरौली विधानसभा में पिछले 10 सालों से 100% ईमानदारी से काम किया है। महरौली के लोग जानते हैं कि मैंने ईमानदारी की राजनीति, अच्छे व्यवहार की राजनीति और काम की राजनीति की है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने महरौली के बहुत से लोगों से चर्चा की, सभी ने यही कहा कि आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है। आपको इस पार्टी को छोड़ देना चाहिए क्योंकि इन्होंने लोगों के साथ धोखा किया है। कहते थे कि हम ईमानदारी की राजनीति करेंगे, लेकिन आज पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।”
गौरतलब है कि नरेश यादव को 2016 के कुरान बेअदबी मामले (Quran Desecration Case) में दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद पार्टी ने महरौली सीट से उनका टिकट काटकर महेंद्र चौधरी (Mahender Chaudhary) को उम्मीदवार बनाया है।
इससे पहले, नरेश यादव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि जब तक उन्हें कोर्ट से क्लीन चिट नहीं मिलती, तब तक वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने लिखा था, “मैंने अरविंद जी से मिलकर कहा कि जब तक कोर्ट मेरे केस को क्लियर नहीं करता, तब तक मैं पार्टी के लिए कुछ नहीं कर पाऊंगा। मैं तब तक चुनाव नहीं लड़ूंगा, जब तक मैं सम्मानपूर्वक बरी नहीं हो जाता। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं, और मुझ पर लगाए गए आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित और झूठे हैं।”
नरेश यादव के इस्तीफे के बाद महरौली की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इसे AAP की अंदरूनी कलह और भ्रष्टाचार का परिणाम बताया है। भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के अपने ही नेता अब उससे असंतुष्ट हैं और पार्टी की सच्चाई सामने आ रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को होना है, और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। ऐसे में नरेश यादव का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं।
नरेश यादव का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जो पार्टी की आंतरिक स्थिति और आगामी चुनावों पर प्रभाव डाल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस चुनौती का सामना कैसे करती है और मतदाता इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।








