The News Air- कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 पेश किया। इस बजट में सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने पर ज़ोर दिया है। बजट में कुछ प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है, जिससे ये प्रोडक्ट महंगे हो गए हैं। वही कुछ प्रोडक्ट्स पर सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी घटाई भी है।
ऐसे में आपके मन में भी सवाल होगा कि इस बजट का आपकी पॉकेट पर कितना असर होगा? तो चलिए जान लेते हैं बजट में क्या महंगा-क्या सस्ता हुआ?
मोबाइल फ़ोन सस्ता होगा, इम्पोर्टेड छाता महंगा
वित्त मंत्री ने मोबाइल फ़ोन चार्जर, मोबाइल फ़ोन कैमरा लेंस, ट्रांसफॉर्मर की डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी में कन्सेशन देने की घोषणा की है। मोबाइल पार्ट के सस्ते होने से मोबाइल के भी सस्ते होने की उम्मीद है।
ज्वैलरी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कट और पॉलिश डायमंड के साथ रत्नों पर कस्टम ड्यूटी को 5% कर दिया है। वहीं सिंपली सोन्ड डायमंड पर अब कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी। महंगी होने वाली चीज़ों की बात करें तो सरकार ने छाते पर ड्यूटी बढ़ाकर 20% कर दी है। यानी इम्पोर्टेड छाते महंगे हो जाएंगे।
बजट का असर ज़्यादा प्रोडक्ट्स पर नहीं
ऐसी बहुत सारी चीज़ें नहीं हैं जिन पर असर पड़ा हो। दरअसल, अब 90% चीज़ों की क़ीमत GST तय करता है, लेकिन विदेश से मंगाई जाने वाली वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी का असर रहता है और इसकी घोषणा बजट में की जाती है। इसलिए पेट्रोल, डीज़ल, LPG, CNG और इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स जैसे- शराब, चमड़ा, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, मोबाइल, केमिकल, गाड़ियां जैसी चीज़ों की क़ीमतों पर बजट घोषणाओं का असर पड़ता है। सरकार इन पर ही इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाती या घटाती है। कुछ पर एक्साइज़ भी लगाया जाता है।
इंपोर्ट ड्यूटी क्या होती है?
इंपोर्ट ड्यूटी वह टैक्स है जिसे किसी दूसरे देश से आने वाले सामान (इंपोर्ट) पर वसूला जाता है। इंपोर्ट ड्यूटी कितनी लगेगी, यह सामान की क़ीमत के साथ-साथ सामान किस देश का है, इसके साथ ही कई अन्य चीज़ों पर भी निर्भर करता है।
इंपोर्ट ड्यूटी को कस्टम ड्यूटी, टैरिफ, इंपोर्ट टैक्स या इंपोर्ट टैरिफ भी कहते हैं। इंपोर्ट ड्यूटी के दो मक़सद होते हैं- सरकार के लिए आय जुटाना और लोकल लेवल पर प्रोड्यूस होने वाले सामान को मार्केट में फ़ायदा दिलाना।