BSF Soldier Detained in Pakistan : पहलगाम (Pahalgam) आतंकी हमले के बीच एक दर्दनाक खबर सामने आई है जहां बीएसएफ (BSF) के जवान पूर्णव साहू (Purnav Sahu) अनजाने में पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा पार कर गए और वहां की रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अब उनकी पत्नी रजनी (Rajni) अपने पति की जानकारी लेने के लिए पंजाब (Punjab) के फिरोजपुर (Ferozepur) की ओर रवाना हो गई हैं।
रजनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर बीएसएफ अधिकारियों से संतोषजनक जानकारी नहीं मिलती है तो वह दिल्ली (Delhi) जाकर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) और अन्य सरकारी अधिकारियों से अपने पति की वापसी के लिए गुहार लगाएंगी। रजनी ने कहा, “मैं बहुत टेंशन में हूं। पांच दिन हो गए हैं और अब तक कोई खबर नहीं मिली है। बीएसएफ अधिकारी भले ही कहें कि चिंता न करें, लेकिन मेरा दिल कैसे शांत रह सकता है।”
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हुगली (Hooghly) जिले के निवासी पूर्णव साहू बीएसएफ की 182वीं बटालियन (182nd Battalion) में फिरोजपुर सीमा पर तैनात थे। पांच दिन पहले वह सीमा के पास किसानों के एक समूह की रक्षा करते हुए एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए गए और अनजाने में पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र में चले गए। इसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया।
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि साहू की रिहाई को लेकर भारत (India) और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच फ्लैग मीटिंग (Flag Meeting) भी हुई थी, लेकिन परिवार को अब तक स्पष्ट सूचना नहीं दी गई है। इसी अनिश्चितता और तनाव के बीच रजनी ने अपने बेटे और तीन रिश्तेदारों के साथ चंडीगढ़ (Chandigarh) होते हुए फिरोजपुर जाने का निर्णय लिया है।
रजनी ने बताया कि वह पहले रविवार शाम को अमृतसर मेल (Amritsar Mail) से जाने वाली थीं, लेकिन टिकट नहीं मिलने के कारण अब उन्होंने हवाई यात्रा करने का फैसला लिया है। रजनी ने कहा, “एक पत्नी होने के नाते मेरा दर्द कोई नहीं समझ सकता। मैं जानती हूं कि देश मेरे पति के लिए चिंतित है, लेकिन मेरी पीड़ा अलग है। मैं घर बैठकर इंतजार नहीं कर सकती, कुछ करना ही होगा।”
वहीं दूसरी ओर, पूर्णव साहू के माता-पिता भी अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार (Central Government) से गुहार लगा रहे हैं। साहू की मां ने कहा, “मैं बता नहीं सकती कि मैं कितनी परेशान हूं। हम बस यही चाहते हैं कि हमारा बेटा सुरक्षित घर लौट आए।”
इस पूरी घटना ने एक बार फिर सीमा पर तैनात जवानों के परिवारों की व्यथा को उजागर कर दिया है और पूरे देश की नजर अब पूर्णव साहू की सुरक्षित वापसी पर टिकी हुई है।