Farmers Protest Punjab – संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) को गुरुवार को पटियाला (Patiala) के अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अस्पताल से निकलते ही उन्होंने किसान आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया। डल्लेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने उनके साथ जो किया, वह सिर्फ उनके नहीं, बल्कि पूरे पंजाब के किसानों के साथ धोखा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब आंदोलन सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे पूरे देश में फैलाया जाएगा।
डल्लेवाल अब फरीदकोट (Faridkot) स्थित अपने गांव पहुंचेंगे, जहां वे एक किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे किसानों को बड़ा संदेश देंगे और भविष्य की रणनीति तय करेंगे।
अप्रैल-मई में ऐसे चलेगा किसान संघर्ष
किसान नेता अभिमन्यु सिंह कोहाड़ (Abhimanyu Singh Kohar) ने बताया कि किसान आंदोलन को तेज करने के लिए अप्रैल और मई में डल्लेवाल के कार्यक्रम तय कर दिए गए हैं।
डल्लेवाल के आगामी कार्यक्रम:
3 अप्रैल: फरीदकोट (Faridkot) – किसान महापंचायत
4 अप्रैल: दाना मंडी, फिरोजपुर-मोगा (Firozpur-Moga)
5 अप्रैल: चप्पड़, पटियाला (Patiala)
6 अप्रैल: सरहिंद, मोहाली (Mohali)
7 अप्रैल: धनौला, बरनाला (Barnala)
8 अप्रैल: दोदा, मुक्तसर साहिब (Muktsar Sahib)
9 अप्रैल: फाजिल्का (Fazilka)
10 अप्रैल: अमृतसर (Amritsar)
11 अप्रैल: मानसा (Mansa)
डल्लेवाल ने कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों की एमएसपी (MSP) की कानूनी गारंटी सहित 13 मांगों को पूरा नहीं किया जाता।
दिल्ली मार्च के बाद किसानों को हिरासत में लिया गया
13 फरवरी 2024 को जब किसान दिल्ली की ओर पटियाला (Shambu Border) और खनौरी बॉर्डर (Khanouri Border) से कूच कर रहे थे, तो हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान सीमाओं पर पक्के बैरिकेड लगा दिए गए और किसानों ने वहीं पर स्थायी मोर्चा डाल दिया।
19 मार्च 2025 को केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद, जब किसान वापस लौट रहे थे, तो पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल और अन्य किसानों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद शंभू और खनौरी से किसानों के मोर्चे जबरन हटा दिए गए।
विधानसभा और हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला
डल्लेवाल को पहले पटियाला और फिर जालंधर (Jalandhar) के पिम्स अस्पताल (PIMS Hospital) में भर्ती कराया गया था। वहां मीडिया की भीड़ बढ़ने के कारण उन्हें पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया।
23 मार्च को उन्हें दोबारा पटियाला शिफ्ट कर दिया गया। इस दौरान डल्लेवाल के परिवार और किसानों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं थी, जिसके कारण मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा।
पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बयान दिया कि डल्लेवाल ने अनशन तोड़ दिया है, लेकिन किसानों ने इसका खंडन किया और कहा कि उनका अनशन अब भी जारी है।
ट्रॉलियां चोरी और किसानों पर कार्रवाई का मुद्दा गरमाया
किसानों का दावा है कि जब मोर्चे हटाए गए, तो करीब 135 ट्रॉलियां चोरी हो गईं। इस मुद्दे को लेकर अब पंजाब विधानसभा और संसद तक बहस हो रही है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनके ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और सामान वापस नहीं मिले, तो वे सरकार के खिलाफ और बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
डल्लेवाल ने कहा कि अगर किसानों के खिलाफ कोई भी अनुचित कार्रवाई की गई, तो वे चुप नहीं बैठेंगे और पूरे देश में आंदोलन को और उग्र करेंगे।
डल्लेवाल की रिहाई के बाद पंजाब में किसान आंदोलन एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है। अब यह आंदोलन पूरे देश में फैलाने की तैयारी हो रही है। अप्रैल और मई में बड़े किसान महापंचायत और रैलियों की योजना बनाई गई है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।