Kharar Master Plan Delay Punjab High Court Action छ पंजाब (Punjab) एवं हरियाणा (Haryana) हाईकोर्ट (High Court) ने खरड़ (Kharar) शहर के मास्टर प्लान (Master Plan) को नोटिफाई करने में हो रही गंभीर देरी पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के तीन बड़े अधिकारियों — आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव, नगर एवं ग्राम योजना विभाग के चीफ टाउन प्लानर, और स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव — की सैलरी 23 सितंबर तक अटैच करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई उनके पुराने आदेशों की अवहेलना और मास्टर प्लान को लेकर सरकार की सुस्ती के कारण की गई है।
खरड़ (Kharar), जो मोहाली (Mohali) के बाद पंजाब (Punjab) का दूसरा बड़ा शहर और सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र (Assembly Constituency) है, में मास्टर प्लान न होने के कारण भारी दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं। 2010 में बनाया गया मास्टर प्लान 2020 तक वैध था, जिसके बाद नया मास्टर प्लान तैयार तो हो गया, लेकिन अब तक उसे आधिकारिक रूप से नोटिफाई नहीं किया गया। इससे क्षेत्र में अनियमित निर्माण और नगरीय व्यवस्थाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
पिछले साल पंजाब सरकार को हाईकोर्ट ने आठ महीने के अंदर मास्टर प्लान नोटिफाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन प्रशासन ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस कारण याचिकाकर्ता ने अवमानना की याचिका दायर कर कोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने खरड़ (Kharar) में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी और स्पष्ट किया कि मास्टर प्लान अंतिम रूप से लागू होने तक कोई नया निर्माण कार्य मंजूर नहीं होगा।
कोर्ट की सुनवाई के दौरान अधिकारियों द्वारा पर्याप्त जानकारी न पेश करने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए अफसरों की सैलरी अटैच करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह मामला सिर्फ मास्टर प्लान की देरी का नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक जवाबदेही और शासन प्रणाली की कार्यकुशलता की परीक्षा है। मास्टर प्लान के अभाव में हो रहे अवैध निर्माण न केवल भविष्य की योजनाओं को प्रभावित कर रहे हैं बल्कि भ्रष्टाचार के रास्ते भी खोल रहे हैं।
पंजाब (Punjab) में खरड़ (Kharar) मास्टर प्लान की स्थिति सुधारने के लिए अब प्रशासन और सरकार पर जनता की निगाहें टिकी हैं। भविष्य में इस योजना को जल्द से जल्द लागू करना स्थानीय विकास और व्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है।






