AAP Defeat Reasons : दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP), जिसने पिछले दो चुनावों में 70 में से 67 और 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी, इस बार बुरी तरह हार गई। हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। वहीं, 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली में सत्ता हासिल कर ली। इस करारी हार के पीछे तीन अहम कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें से एक बड़ी गलती खुद अरविंद केजरीवाल की थी।
प्रशांत किशोर (PK) का बड़ा बयान
जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने इस हार की तीन मुख्य वजहें बताईं। उन्होंने कहा कि AAP की हार गवर्नेंस, राजनीतिक गठबंधन, और इस्तीफे के गलत फैसलों की वजह से हुई। किशोर ने कहा, “AAP कभी भी एक कैडर-बेस्ड पार्टी नहीं रही। यह एक आंदोलन से निकली पार्टी थी, जिसे जनता ने जितवाया। यह वॉलेंटियर-ड्रिवन पार्टी थी, जहां चुनाव के समय समर्थक ही वॉलेंटियर बन जाते थे।”
गवर्नेंस में विफलता बनी पहली वजह
किशोर के अनुसार, दिल्ली में AAP सरकार के कार्यकाल में गवर्नेंस की कमी सबसे बड़ी समस्या रही। इस बार की टर्म में शिक्षा के अलावा कोई बड़ा सुधार जनता को नजर नहीं आया। जलभराव की समस्या, मोहल्ला क्लीनिक की बदहाली, यमुना प्रदूषण जैसे मुद्दों पर सरकार विफल रही। इन सभी कारणों से जनता में एंटी-इनकंबेंसी की भावना पैदा हुई।
राजनीतिक गठबंधन की अस्पष्टता से हुआ नुकसान
AAP की हार की दूसरी वजह INDIA गठबंधन (INDIA Alliance) से उनकी अस्पष्ट स्थिति रही। कभी गठबंधन का हिस्सा बनना और कभी उससे दूरी बनाना, पार्टी की राजनीतिक पोजिशनिंग को कमजोर करता रहा। इससे पार्टी की छवि को दोहरा नुकसान हुआ। जो वर्ग मोदी सरकार का विरोध चाहता था, वह भी नाराज़ हो गया और जो लोग AAP को अलग पहचान के रूप में देख रहे थे, वे भी दूर हो गए।
इस्तीफे का गलत समय बना तीसरा बड़ा कारण
प्रशांत किशोर ने कहा कि तीसरी और सबसे बड़ी गलती अरविंद केजरीवाल का शराब घोटाले के आरोपों के समय इस्तीफा न देना रहा। जेल जाने से पहले अगर उन्होंने इस्तीफा दे दिया होता तो एक नैतिक उदाहरण स्थापित होता। इससे पार्टी को मोरल हाई ग्राउंड मिलता। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिससे उनकी छवि को नुकसान हुआ। जब जेल से लौटने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया, तो वह वर्ग भी नाराज़ हो गया जो हर हाल में उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता था।
AAP की हार की तीन मुख्य वजहें रहीं: गवर्नेंस की कमी, राजनीतिक अस्पष्टता और इस्तीफे का गलत समय। इन सभी ने मिलकर पार्टी की छवि और प्रदर्शन को बुरी तरह प्रभावित किया। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी अब किस रणनीति के तहत आगे बढ़ेगी।