Liquor Policy Scam: दिल्ली में लागू की गई नई शराब नीति को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। यह रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश की गई, जिसमें बताया गया कि इस नीति की वजह से सरकारी खजाने को लगभग 2000.68 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अब यह मामला पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (PAC) के पास भेजा जाएगा, जिससे अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती हैं।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta) ने यह स्पष्ट किया कि रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा के बाद इसे आगे की कार्रवाई के लिए PAC के पास भेजा जाएगा। इस कमेटी में भाजपा (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य शामिल होंगे। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट फिर से स्पीकर को सौंपी जाएगी, जो आगे की कार्रवाई का आदेश देंगे।
केजरीवाल और सिसोदिया के लिए बढ़ सकती हैं कानूनी परेशानियां
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट के PAC के पास जाने के बाद अरविंद केजरीवाल और पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है। PAC को इस मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बुलाने का अधिकार है। इसके अलावा, उस समय गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) के सदस्यों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
PAC की जांच के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे स्पीकर को सौंपा जाएगा। रिपोर्ट में सिफारिश की जाएगी कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो।
2000 करोड़ से ज्यादा का घाटा: रिपोर्ट में गंभीर आरोप
CAG रिपोर्ट के अनुसार, नई शराब नीति लागू करने में कई तरह की अनियमितताएं पाई गई हैं। यह नीति कथित रूप से कुछ विशेष कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई थी। रिपोर्ट में इस नीति को खजाने के नुकसान के साथ जोड़ते हुए गंभीर वित्तीय गड़बड़ियों का जिक्र किया गया है।
इससे पहले मनीष सिसोदिया पहले ही इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। अगर PAC की जांच में रिपोर्ट की पुष्टि होती है, तो यह मामला और भी गंभीर हो सकता है।
राजनीतिक हलचल तेज, AAP का पलटवार
आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी का कहना है कि यह सब विपक्ष द्वारा एक साजिश के तहत किया जा रहा है ताकि दिल्ली सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। हालांकि, BJP का दावा है कि यह रिपोर्ट आप सरकार की भ्रष्ट नीतियों को उजागर करती है।
कानूनी प्रक्रिया में बड़ा मोड़ संभव
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि PAC की जांच के बाद क्या फैसला लिया जाता है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए यह एक और बड़ी कानूनी चुनौती बन सकती है। इस रिपोर्ट के चलते दिल्ली की राजनीति में हलचल और बढ़ने की पूरी संभावना है।