टोरंटो (Toronto), 06 जनवरी (The News Air): कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) पर राजनीतिक दबाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लिबरल पार्टी (Liberal Party) की बुधवार को होने वाली नेशनल कॉकस (National Caucus) की बैठक से पहले ट्रूडो इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं।
कॉकस में विद्रोह का डर : सूत्रों का कहना है कि नेशनल कॉकस की बैठक में ट्रूडो को पार्टी नेता पद से हटाया जा सकता था। ट्रूडो ने स्थिति को भांपते हुए पहले ही इस्तीफे की घोषणा करने की योजना बनाई है। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि यह न लगे कि उन्हें उनकी ही पार्टी के सांसदों ने बाहर कर दिया।
डिप्टी पीएम और सहयोगी दलों ने छोड़ा साथ : कनाडा की डिप्टी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड (Chrystia Freeland) ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद ट्रूडो पर दबाव और बढ़ गया। बता दें कि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (New Democratic Party – NDP), जो खालिस्तान समर्थक नेता जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) की पार्टी है, ने कुछ महीने पहले ही ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
भारत-कनाडा रिश्तों का असर : ट्रूडो और भारत (India) के बीच रिश्ते पिछले कुछ समय से खराब रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर नाराजगी जताई थी। इसका सीधा असर दोनों देशों के व्यापार और राजनयिक संबंधों पर पड़ा।
ट्रंप का दबाव और टैरिफ पॉलिसी : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भी ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको से आने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इस मुद्दे को लेकर ट्रूडो और उनकी डिप्टी पीएम क्रिस्टिया के बीच मतभेद गहरा गए थे।
लिबरल पार्टी में विद्रोह : कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स (House of Commons) में लिबरल पार्टी (Liberal Party) के पास 153 सीटें हैं, जबकि बहुमत के लिए 170 सीटें चाहिए। सहयोगी दलों के समर्थन वापस लेने के बाद ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि, हालिया बहुमत परीक्षण में उन्हें एक अन्य पार्टी का अस्थायी समर्थन मिल गया, लेकिन लिबरल पार्टी के अंदरूनी विद्रोह ने ट्रूडो की स्थिति कमजोर कर दी।
क्या ट्रूडो का राजनीतिक करियर खत्म हो रहा है? : विश्लेषकों का मानना है कि ट्रूडो का इस्तीफा उनकी पार्टी और व्यक्तिगत राजनीतिक करियर के लिए बड़ा झटका होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लिबरल पार्टी नया नेता चुनने में कितनी तेजी दिखाती है और ट्रूडो कब तक अपने पद पर बने रहते हैं।