नई दिल्ली, 26 सितंबर,(The News Air): टाटा मोटर्स के मालिकाना हक वाली जगुआर लैंड रोवर (JLR) इंग्लैंड में अपनी एक फैक्ट्री को फिर से तैयार करने के लिए 50 करोड़ पाउंड (66.9 करोड़ डॉलर) खर्च करने की योजना बना रही है। यह फैक्ट्री इलेक्ट्रिक एसयूवी की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए तैयार है। जेएलआर, रेंज रोवर और लैंड रोवर व्हीकल्स बनाती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने पिछले 12 महीनों में लिवरपूल के पास अपने हेलवुड प्लांट में 25 करोड़ पाउंड का निवेश किया है।
जेएलआर ने एक बयान में कहा कि वह आने वाले वर्षों में अपने खर्च को दोगुना कर देगी। साथ ही दोहराया कि हेलवुड फैक्ट्री पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने वाली उसकी पहली फैक्ट्री होगी। हेलवुड फैक्ट्री को मूल रूप से 1963 में फोर्ड मोटर कंपनी ने शुरू किया था। यह हाल के वर्षों में जेएलआर के लिए प्रमुख व्हीकल्स उत्पादन कर रही है, जिनमें रेंज रोवर इवोक और डिस्कवरी स्पोर्ट शामिल हैं।
सभी मॉडल्स के इलेक्ट्रिक ऑप्शंस पर खर्च करेगी 18 अरब पाउंड
जेएलआर ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि EVs में उसके कदम की लागत शुरू में तय की गई लागत से अधिक होगी, क्योंकि उपभोक्ता मांग कमजोर है और लंबे समय तक कंबशन-इंजन और प्लग-इन हाइब्रिड मॉडल विकसित करने की जरूरत है। जेएलआर ने इस बात की कोई तारीख तय नहीं की है कि हेलवुड में हाइब्रिड या कंबशन इंजन वाले व्हीकल्स कब बंद होंगे। जेएलआर अब दशक के अंत तक अपने सभी मॉडल्स के लिए इलेक्ट्रिक ऑप्शंस क्रिएट करने के लिए 5 वर्षों में 18 अरब पाउंड खर्च करने की योजना बना रही है।
यूरोप भर में कार निर्माताओं ने उपभोक्ता मांग में कमी और जर्मनी और स्वीडन जैसे देशों की ओर से सब्सिडी में कटौती के बीच अपनी ईवी योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया है। वोल्वो कार एबी ने इस महीने की शुरुआत में 2030 तक फुली इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री पर शिफ्ट होने के अपने लक्ष्य को छोड़ दिया। मई में मर्सिडीज-बेंज ग्रुप एजी भी इसी तरह के लक्ष्य से पीछे हट गई थी।