Jitan Ram Manjhi Statement: बिहार की सियासत में एक बार फिर भूचाल आ गया है। केंद्रीय मंत्री और ‘हम’ Party के संरक्षक जीतन राम मांझी ने गया में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने NDA गठबंधन की नींद उड़ा दी है। मांझी ने न केवल Rajya Sabha सीट के लिए बगावती तेवर दिखाए हैं, बल्कि भरे मंच से अपने बेटे और मंत्री संतोष सुमन को विकास कार्यों में ‘कमीशन’ खाने की सलाह भी दे डाली है।
गया में अपनी Party, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी के तेवर बेहद आक्रामक नजर आए। उन्होंने साफ लफ्जों में कहा कि अगर उनकी Party को Rajya Sabha की एक सीट नहीं मिली, तो वह गठबंधन के साथ रहने पर पुनर्विचार कर सकते हैं। मांझी ने दावा किया कि 2024 के Lok Sabha Election के दौरान उनसे वादा किया गया था कि एक Lok Sabha और एक Rajya Sabha की सीट दी जाएगी, लेकिन वह वादा अभी तक अधूरा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंत्री बनाने के लिए धन्यवाद तो दिया, लेकिन साथ ही यह भी याद दिलाया कि Rajya Sabha वाली उधारी अभी बाकी है।
‘बेटे, कमीशन नहीं ले रहे तो गलती कर रहे हो’
मंच से बोलते हुए मांझी ने भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को लेकर एक अजीबोगरीब दलील पेश की, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने बेटे और बिहार सरकार में मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन को सलाह दी कि Politics में टिके रहने के लिए पैसा जरूरी है। मांझी ने कहा कि सभी सांसद और विधायक अपने Fund से कमीशन लेते हैं। उन्होंने गणित समझाते हुए कहा कि अगर सांसद को 5 करोड़ का Fund मिलता है, तो उसमें से 10% कमीशन यानी 40 से 50 लाख रुपये आसानी से निकल जाते हैं।
‘मैं लेता था, आगे भी लूंगा’
हैरानी की बात यह रही कि एक केंद्रीय मंत्री होते हुए भी मांझी ने स्वीकार किया कि वह खुद अपने सांसद Fund से मिलने वाली कमीशन की राशि Party को देते रहे हैं और आगे भी देंगे। उन्होंने अपने बेटे से कहा कि अगर 10% नहीं मिल रहा तो 5% ही ले लो और काम चलाओ, क्योंकि छोटी पार्टियों के लिए 80 लाख रुपये भी बड़ी रकम होती है, जिससे Party के लिए गाड़ियां खरीदी जा सकती हैं। उन्होंने साफ कहा कि अगर तुम कमीशन नहीं वसूल रहे हो, तो यह तुम्हारी गलती है।
NDA से अलग होने की धमकी
Rajya Sabha चुनाव को लेकर मांझी ने BJP और JDU पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि टीवी पर चर्चा हो रही है कि 2 सीटें BJP, 2 JDU और 1 LJP को मिलेगी, ऐसे में ‘हम’ Party कहां जाएगी? उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर हमें कमजोर समझा गया, तो हम अलग रास्ता चुनने से पीछे नहीं हटेंगे। मांझी ने यहां तक कह दिया कि अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं, तो वह 50-60 सीटों पर अकेले चुनाव लड़कर अपनी ताकत दिखाएंगे। उनका कहना था कि Politics में रिस्क लेना पड़ता है और वह इसके लिए तैयार हैं।
राजनीतिक विश्लेषण: दबाव की राजनीति या मजबूरी?
जीतन राम मांझी का यह बयान महज एक मांग नहीं, बल्कि NDA पर दबाव बनाने की एक सोची-समझी रणनीति है। बिहार में अप्रैल में Rajya Sabha चुनाव होने हैं और अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं। मांझी जानते हैं कि NDA को उनकी जरूरत है, इसलिए वह अभी से अपनी शर्तों पर सीटें सुरक्षित करना चाहते हैं। हालांकि, उनका ‘कमीशन’ वाला बयान Modi Government की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के लिए शर्मिंदगी का सबब बन सकता है। एक केंद्रीय मंत्री का मंच से भ्रष्टाचार की वकालत करना विपक्ष को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा दे गया है।
‘जानें पूरा मामला’
बिहार से Rajya Sabha की पांच सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से ये सभी सीटें NDA के खाते में जाने की संभावना है। इसी को लेकर सहयोगी दलों में खींचतान शुरू हो गई है। मांझी का दावा है कि Lok Sabha चुनाव के समय हुए समझौते के तहत एक सीट पर उनका हक बनता है। इसी हक को पाने के लिए उन्होंने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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जीतन राम मांझी ने NDA से Rajya Sabha की एक सीट की मांग की, न मिलने पर गठबंधन तोड़ने के संकेत दिए।
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भरे मंच से अपने बेटे और मंत्री संतोष सुमन को विकास कार्यों के Fund से कमीशन लेने की सलाह दी।
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मांझी ने दावा किया कि वह खुद कमीशन का पैसा Party फंड में देते हैं, क्योंकि Party चलाने के लिए पैसा चाहिए।
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उन्होंने BJP पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और कहा कि हमें कम करके न आंका जाए।






