Eid-ul-Azha Namaz Ban : जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में एक बार फिर Eid-ul-Azha Namaz Ban की खबर सामने आई है, जहां प्रशासन ने श्रीनगर (Srinagar) की ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Jamia Masjid) और ईदगाह (Eidgah) में सामूहिक नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी। साथ ही कश्मीर (Kashmir) के प्रमुख धार्मिक नेता मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) को भी नजरबंद कर दिया गया।जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में इस साल ईद-उल-अजहा (Eid-ul-Azha) की नमाज ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Jamia Masjid) और ईदगाह (Eidgah) में सामूहिक रूप से नहीं पढ़ी जा सकी। प्रशासन ने शनिवार को इन स्थानों पर नमाज की अनुमति नहीं दी और साथ ही मस्जिदों के दरवाजे बंद कर दिए गए, जिसके चलते फज्र की नमाज भी अदा नहीं हो सकी। अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद (Anjuman Auqaf Jamia Masjid) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बाहर पुलिस बल तैनात किया गया था और साथ ही मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) को नजरबंद कर दिया गया।
हुर्रियत (Hurriyat) के अध्यक्ष मीरवाइज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह लगातार सातवां साल है जब जामा मस्जिद (Jamia Masjid) में ईद की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने इसे कश्मीर (Kashmir) की “दुखद हकीकत” करार देते हुए कहा कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र में मुसलमानों को उनके मौलिक धार्मिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
मीरवाइज ने कहा कि वर्ष 2019 से लगातार प्रशासन जामा मस्जिद (Jamia Masjid) और ईदगाह (Eidgah) में ईद की सामूहिक नमाज पर रोक लगाता आ रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि “दुनिया भर में ईद मनाने वाले मुसलमानों को उनके सबसे महत्वपूर्ण दिन पर भी नमाज अदा करने से रोका जाना बेहद शर्मनाक है।”
उधर, जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने भी इस फैसले पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि सरकार ने फिर से जामा मस्जिद (Jamia Masjid) में नमाज पर प्रतिबंध लगाया। उन्होंने कहा, “मुझे जानकारी नहीं है कि इस फैसले का आधार क्या है, लेकिन हमें अपने लोगों पर भरोसा करना होगा। यही लोग थे जिन्होंने हाल ही में पहलगाम (Pahalgam) आतंकी हमले की निंदा की थी।”
उन्होंने कहा कि यदि लोग आतंकवाद की निंदा कर सकते हैं, तो फिर उन्हें ईद की नमाज सामूहिक रूप से अदा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर दोबारा विचार करने की अपील की।
हालांकि श्रीनगर (Srinagar) प्रशासन की ओर से अंजुमन के आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। वहीं दूसरी ओर, घाटी में बाकी जगहों पर ईद की नमाज शांतिपूर्वक अदा की गई। सबसे बड़ी नमाज सभा डल झील (Dal Lake) के किनारे स्थित हजरतबल दरगाह (Hazratbal Dargah) में आयोजित की गई।






