Iran Demands Compensation From US Israel UN Letter : ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर इस साल जून में हुए हमलों के लिए सीधे तौर पर अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र (UN) को एक कड़ा पत्र लिखकर न केवल इस हमले की निंदा की है, बल्कि दोनों देशों से इस हमले में हुए सभी नुकसान के लिए हर्जाना (मुआवजा) देने की भी मांग की है।
यह मामला पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया बयान के बाद और भी गरमा गया है, जिसमें उन्होंने हमले का आदेश देने की बात स्वीकार की थी।
‘हमले के लिए US-इजरायल दें मुआवजा’
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास आरागची ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस और सुरक्षा परिषद को एक विस्तृत पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने साफ कहा है कि अमेरिका और इजरायल ने ईरान पर “सैन्य हमला” किया है।
आरागची ने मांग की है कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन है और इसके लिए दोनों देशों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। ईरान ने स्पष्ट किया है कि इन दोनों देशों को ईरान को हुए सभी नुकसान की पूरी भरपाई करनी होगी।
9 मौतों का मांगा हिसाब
ईरान का कहना है कि 13 जून को हुए इन हमलों में 9 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल थे।
ट्रंप के ‘कबूलनामे’ से गरमाया मामला
यह मामला पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के बाद और भी गरमा गया है। ट्रंप ने 6 नवंबर को एक बड़ा बयान देते हुए यह स्वीकार किया था कि ईरान पर हुआ “पहला इजराइली हमला” उन्हीं के आदेश से हुआ था।
ईरान के अनुसार, ट्रंप का यह कबूलनामा इस बात का सीधा प्रमाण है कि अमेरिका न सिर्फ इजरायल का समर्थन कर रहा था, बल्कि उसके सैन्य अभियान को “सीधे निर्देशित” कर रहा था। आरागची ने पत्र में कहा है कि इन हमलों के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी अधिकारी “आपराधिक रूप से जिम्मेदार” हैं।
बातचीत के दरवाजे अभी भी खुले?
इस राजनीतिक तनाव और आरोपों के बावजूद, डिप्लोमेसी का दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है।
हाल के दिनों में ईरान और अमेरिका, दोनों तरफ से बातचीत की इच्छा दिखाई दी है। आरागची के डिप्टी ने कहा कि ईरान अब भी एक “शांतिपूर्ण परमाणु समझौते” के लिए तैयार है। वहीं, ट्रंप ने भी कहा था कि अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है, “जब तेहरान तैयार हो”।
जानें पूरा मामला
ईरान लगातार यह मुद्दा उठाता रहा है कि जून में उसके परमाणु स्थलों पर हुआ हमला एक “गैरकानूनी युद्ध कार्रवाई” थी। ईरान का सीधा आरोप है कि हमला इजरायल ने किया, लेकिन इसे निर्देशित और स्वीकृत अमेरिका द्वारा किया गया। फिलहाल, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन या महासचिव एंटोनियो गुटेरस के दफ्तर ने इस पत्र पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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ईरान ने जून में हुए परमाणु ठिकानों पर हमले के लिए US और इजरायल से मुआवजा मांगा है।
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विदेश मंत्री अब्बास आरागची ने UN को पत्र लिखकर इसे “सैन्य हमला” और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।
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ईरान ने 6 नवंबर को दिए ट्रंप के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने हमले का आदेश देने की बात स्वीकार की थी।
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हमलों में 9 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल थे।






