ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) – भारतीय सेना को जल्द ही 48 किलोमीटर तक वार करने वाली अत्याधुनिक स्वदेशी आर्टिलरी गन मिलने जा रही हैं। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के तहत केंद्र सरकार ने 7,000 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने 307 तोपों और 327 टोइंग ट्रकों की खरीद पर मुहर लगा दी है।
48 KM रेंज वाली तोपों से सेना को मिलेगी नई ताकत
यह 155mm/52-कैलिबर की अत्याधुनिक तोपें भारतीय सेना की मारक क्षमता को और मजबूत करेंगी। इन गन्स को मुख्य रूप से रेगिस्तानी इलाकों के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन अपग्रेड के बाद कुछ तोपों को लद्दाख (Ladakh) जैसे ऊंचे क्षेत्रों में भी तैनात किया गया है। इससे पहले 2017 में सेना ने 720 मिलियन डॉलर के सौदे के तहत 100 ऐसी तोपों को अपने बेड़े में शामिल किया था।
ATAGS प्रोजेक्ट: भारत की स्वदेशी तोप निर्माण की बड़ी पहल
DRDO (Defence Research and Development Organisation) ने 2013 में ATAGS प्रोजेक्ट शुरू किया था, ताकि भारतीय सेना की पुरानी तोपों को आधुनिक 155mm आर्टिलरी गन सिस्टम से बदला जा सके। DRDO ने इस प्रोजेक्ट में दो निजी कंपनियों को शामिल किया है –
- भारत फोर्ज (Bharat Forge)
- टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (Tata Advanced Systems Limited – TASL)
भारत फोर्ज, जिसने सबसे कम बोली लगाई थी, 60% तोपों का निर्माण करेगी, जबकि TASL 40% तोपों का उत्पादन करेगी। इस बड़े ऑर्डर से भारतीय रक्षा विनिर्माण उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
रक्षा बजट और आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
भारत सरकार ने इस साल के बजट में 6.81 लाख करोड़ रुपये का रक्षा बजट तय किया था, जिसमें से 1.8 लाख करोड़ रुपये सेना के आधुनिकीकरण पर खर्च किए जाएंगे। सरकार ने घोषणा की है कि 75% बजट भारतीय रक्षा उद्योग से हथियार और उपकरण खरीदने में खर्च किया जाएगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी।
भारत में हथियार आयात में गिरावट
हाल ही में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट में बताया गया कि 2015-19 और 2020-24 के बीच भारत का हथियार आयात 9.3% तक घटा है। इससे साफ है कि भारत अब अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए बाहरी देशों पर निर्भरता कम कर रहा है और स्वदेशी हथियार निर्माण को बढ़ावा दे रहा है।