BBMB Reorganization को लेकर पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने नई दिल्ली (New Delhi) में आयोजित नीति आयोग (NITI Aayog) की 10वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग (Governing Council Meeting) में केंद्र सरकार के समक्ष कई अहम मुद्दे उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के अधिकारी मौजूद थे। पंजाब की ओर से सीएम मान ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के पुनर्गठन, CISF की तैनाती का विरोध, YSL (Yamuna-Sutlej Link) की वकालत और ₹11,500 करोड़ बकाया फंड की मांग की।
मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट किया कि BBMB में पंजाब के हितों की लगातार अनदेखी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और हरियाणा से सेवानिवृत्त अधिकारियों को BBMB में नियुक्त कर पंजाब की भागीदारी को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि BBMB में पंजाब के हिस्से के करीब 3,000 पद खाली हैं, जिन पर जल्द भर्ती जरूरी है।
CISF तैनाती पर विरोध और संघीय ढांचे का उल्लंघन
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा CISF (Central Industrial Security Force) की तैनाती के फैसले पर विरोध जताया। उनका तर्क था कि इससे राज्यों के अधिकार कमजोर होंगे और यह संघीय ढांचे के खिलाफ है। उन्होंने CISF तैनाती का फैसला तुरंत वापस लेने की मांग रखी।
जल समझौते की समीक्षा और YSL प्रस्ताव
मान ने यह तर्क दिया कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच जल समझौते को 25 साल बाद अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत पुनरीक्षण योग्य माना जाता है। ऐसे में नए सिरे से जल बंटवारे के नियम बनाए जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि पंजाब देश का अन्नदाता है, परंतु आज इसके 117 ब्लॉक “डार्क ज़ोन” घोषित हो चुके हैं। इसलिए जल संसाधनों पर पंजाब का विशेषाधिकार जरूरी है।
सीएम मान ने SYL (Sutlej-Yamuna Link) के बजाय YSL (Yamuna-Sutlej Link) की वकालत की, जिससे पानी का प्रवाह विपरीत दिशा में किया जा सके और पंजाब के गिरते भूजल स्तर को बचाया जा सके।
₹11,500 करोड़ बकाया फंड और बॉर्डर जिलों के लिए विशेष पैकेज
मुख्यमंत्री मान ने ₹11,500 करोड़ के बकाया केंद्रीय फंड को तत्काल जारी करने की मांग की, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और किसान कल्याण से जुड़ी योजनाओं में उपयोग होना है। साथ ही पाकिस्तान सीमा से लगे पंजाब के 532 किलोमीटर लंबे इलाके के सीमावर्ती जिलों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की भी मांग की गई। मान का कहना था कि इन क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइल हमलों का खतरा सबसे अधिक है।
हरिके हेडवर्क्स (Harike Headworks) की सफाई के लिए 600 करोड़ की मांग
पंजाब सरकार ने बैठक में हरिके हेडवर्क्स की सफाई के लिए ₹600 करोड़ की विशेष वित्तीय सहायता की मांग भी रखी, जिससे सिंचाई प्रणाली को मजबूत किया जा सके।
सीएम मान की प्रमुख मांगें इस प्रकार रहीं:
BBMB में पंजाब की उपेक्षा बंद हो
CISF की तैनाती का निर्णय वापस लिया जाए
जल समझौतों की नई समीक्षा की जाए
YSL का प्रस्ताव स्वीकार किया जाए
सीमावर्ती जिलों को विशेष आर्थिक सहायता मिले
₹11,500 करोड़ का बकाया फंड तुरंत जारी किया जाए
हरिके हेडवर्क्स की सफाई के लिए ₹600 करोड़ दिए जाएं
इस बैठक में सीएम भगवंत मान के साथ मुख्य सचिव केएपी सिन्हा (KAP Sinha) और वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। उनकी इस स्पष्ट और तथ्यात्मक प्रस्तुति से पंजाब के जल और आर्थिक अधिकारों की मांग को मजबूती मिली है।