IMF Loan Conditions- अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (International Monetary Fund – IMF) ने पाकिस्तान (Pakistan) को आर्थिक सहायता की अगली किस्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें (New Loan Conditions) लागू कर दी हैं। इन शर्तों का सीधा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Economy) और विशेषकर रक्षा बजट (Army Budget) पर पड़ने वाला है।
रविवार को मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IMF ने चेताया है कि भारत (India) के साथ बढ़ते तनाव (India-Pakistan Tension) के कारण राजकोषीय, बाह्य और सुधारात्मक लक्ष्यों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। IMF द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को अब अपने पूरे खर्च और बजट की पारदर्शिता के साथ जानकारी देनी होगी। इसमें 10,700 अरब रुपये से अधिक विकास कार्यों (Development Projects) पर खर्च की अनिवार्यता शामिल है, जिससे साफ है कि पाकिस्तान अब सेना और आतंकवादी गतिविधियों (Terror Activities) पर खुलकर धन नहीं खर्च कर पाएगा।
IMF की रिपोर्ट में रक्षा बजट का अनुमान 2,414 अरब रुपये बताया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। वहीं पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ टकराव (Military Conflict) के बाद 2,500 अरब रुपये यानी 18 प्रतिशत ज्यादा आवंटन का संकेत भी दिया है।
22 अप्रैल को भारत (India) के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद जवाबी कार्रवाई में 6-7 मई की दरम्यानी रात को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इसके बाद पाकिस्तान ने 8-10 मई तक भारत के सैन्य ठिकानों (Military Bases) पर जवाबी हमले का प्रयास किया, जो अंततः 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति में समाप्त हुआ।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ (Express Tribune) की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF ने पाकिस्तान पर अब तक कुल 50 शर्तें (50 Total Conditions) लागू कर दी हैं। नई शर्तों में 17,600 अरब रुपये के बजट को संसद (Parliament) से पारित कराना, बिजली बिलों (Electricity Bills) में ऋण अधिभार में वृद्धि, और 3 साल से पुरानी कारों (Cars Older Than 3 Years) के आयात प्रतिबंध को हटाना शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, प्रांतीय सरकारों (Provinces) को भी एक नई कृषि आयकर योजना (Agriculture Income Tax Law) लागू करनी होगी, जिसमें करदाता पहचान (Taxpayer Identification), पंजीकरण, रिटर्न प्रसंस्करण (Return Processing), और अनुपालन सुधार योजना (Compliance Improvement Plan) शामिल होगी। इस योजना की समयसीमा जून निर्धारित की गई है।
IMF की एक अन्य शर्त के अनुसार, पाकिस्तान को 2027 के बाद की वित्तीय रणनीति (Post-2027 Financial Strategy) की रूपरेखा भी तैयार करनी होगी। साथ ही, ऊर्जा क्षेत्र (Energy Sector) में सुधार के लिए चार और शर्तें लागू की गई हैं, जिनका प्रभाव आम जनता पर भी पड़ सकता है।