नई दिल्ली,18 नवंबर (The News Air): यदि आप भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की श्रेणी में आते हैं तो आपके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक जरूरी जानकारी शेयर की है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आयकर (आई-टी) विभाग ने 17 नवंबर से एक नया अभियान शुरू कर दिया है, जिसके तहत करदाताओं को चेतावनी दी गई है कि यदि वे अपनी विदेशी में रखी हुई संपत्ति से अर्जित आय का आईटीआर में खुलासा नहीं करते हैं तो उन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग का वह अभियान है, ‘अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान’ जिसका उद्देश्य करदाता आकलन वर्ष (एवाई) 2024-25 के लिए अपनी आईटीआर में उन सभी जानकारियों की रिपोर्ट करना शामिल हैं जोकि विदेशों में रखी संपत्ति से आय अर्जित कर रहे हैं। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो ऐसे करदाताओं पर काला धन विरोधी कानून के तहत जुर्माना लगाया जाएगा।
कौन सी विदेशी संपत्ति का किया गया है जिक्र? Income Tax Department News
रिपोर्ट में आयकर विभाग ने जो एडवाइज जारी की है, उसके अनुसार भारतीय निवासियों के लिए विदेशी संपत्ति से मतलब है, बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिकी अनुबंध, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, कस्टोडियल खाता, इक्विटी और ऋण हित, ट्रस्ट जिसमें कोई व्यक्ति ट्रस्टी है, सेटलर का लाभार्थी, सिंगिंग अथॉरिटी वाले खाते, विदेश में रखी गई कोई पूंजीगत संपत्ति आदि।
आयकर विभाग की एडवाइजरी के अनुसार सभी पात्र करदाताओं को अपनी आईटीआर में विदेशी संपत्ति (एफए) या विदेशी स्रोत आय (एफएसआई) अनुसूची को अनिवार्य रूप से उल्लेखित करना होगा, भले ही उनकी आय ‘कर योग्य सीमा से कम’ ही क्यों न हो तथा विदेश में संपत्ति ‘प्रकट स्रोतों से अर्जित’ की गई हो। ‘आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा न करने पर ब्लैक मनी (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। आयकर विभाग की एडवाइजरी के अनुसार विलंबित और संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 है।