नई दिल्ली/पुणे, 13 अप्रैल (The News Air) विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी बात को स्पष्ट रूप से रखने के लिए जाने जाते हैं। देश हो या विदेश, बिना लागलपेट के बोलना उनकी आदत है। इस बार जयशंकर ने आतंकवाद पर दो टूक शब्दों में कहा कि 2014 के बाद से भारत की विदेश नीति में बदलाव आया है और आतंकवाद से निपटने का यही तरीका है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी नियमों से नहीं खेलते तो फिर पलटवाक नियमों के तहत कैसे होगा। एस जयशंकर पुणे में ‘भारत क्यों मायने रखता हैः युवाओं के लिए अवसर और वैश्विक परिदृश्य में भागीदारी’ शीर्षक से एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने मौजूद युवाओं से बातचीत की।
किसी भी हालत में आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता
भारत की विदेश नीति पर क्या बोले जयशंकर?
भारत की विदेश नीति में निरंतरता के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि मेरा जवाब हां है। 50 प्रतिशत निरंतरता है और 50 प्रतिशत परिवर्तन है। वह एक बदलाव आतंकवाद पर है। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद, एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जिसे लगा कि हमें जवाब नहीं देना चाहिए था। लेकिन उस समय यह सोचा गया था कि पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत पाकिस्तान पर हमला नहीं करने से ज्यादा है।
जयशंकर ने कहा कि अगर मुंबई (26/11) जैसा कुछ होता है और कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है तो कोई अगले हमले को कैसे रोक सकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वे सीमा पार हैं, कोई उन्हें छू नहीं सकता। आतंकवादी किसी भी नियम से नहीं खेलते हैं इसलिए आतंकवादियों को जवाब देने के लिए कोई नियम नहीं हो सकते।