कोलकाता, 18 सितंबर,(The News Air): कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद डॉक्टरों ने काफी प्रदर्शन और रोष व्यक्त किया है। इस मामले पर अब ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने कहा है कि अगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2021 में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कार्रवाई की होती तो उनकी बेटी जीवित होती। उन्होंने इस जघन्य हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को “अपने बच्चे” कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई अपना काम कर रही है, हम इस (जांच) बारे में कुछ नहीं कह सकते… जो भी लोग किसी न किसी तरह से इस हत्या से जुड़े हैं या जो लोग सबूतों से छेड़छाड़ में शामिल हैं, वे सभी जांच के दायरे में हैं…वे दर्द के साथ विरोध में बैठे हैं (जूनियर डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं), वे मेरे बच्चों की तरह हैं, हमें उन्हें देखकर दर्द होता है… जिस दिन आरोपियों को सजा मिलेगी, वह हमारी जीत होगी… एएनआई के मुताबिक पीड़िता के पिता ने मीडिया से कहा, “साल 2021 में भी पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर कई आरोप लगे थे, अगर मुख्यमंत्री ने तब संदीप घोष के खिलाफ कार्रवाई की होती तो आज मेरी बेटी जिंदा होती।”
महिला 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी। वह अपने व्यस्त कार्य शेड्यूल के बीच आराम करने के लिए कमरे में गई थी। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसके शरीर पर 25 आंतरिक और बाहरी चोटों से यौन उत्पीड़न और यातना का पता चला।
एजेंसी ने संदीप घोष पर एक पुलिस अधिकारी के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया है। इसने अदालत को बताया कि उसने मामले में हत्या की एफआईआर दर्ज करने में जानबूझकर देरी की। उस पर हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश करने का भी आरोप है। संदीप घोष पर अस्पताल में भ्रष्टाचार में शामिल होने का भी आरोप है, जिसमें लावारिस शवों को बेचना भी शामिल है।
पीड़ित परिवार के अनुसार, संदीप घोष के कहने पर अस्पताल प्रशासन ने शव दिखाने से पहले उन्हें तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करवाया। अपराध का पता चलने के 14 घंटे बाद हत्या की एफआईआर दर्ज की गई।
डॉक्टरों की मांगें मानी सरकार
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त को हटाने की प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग स्वीकार कर ली। आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस प्रमुख नियुक्त किया गया है।