नई दिल्ली 12 जनवरी (The News Air) दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) का पहला सर्वे एक रोमांचक मुकाबले की ओर इशारा करता है। 27 साल से सत्ता का इंतजार कर रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इस बार अच्छी खबर मिल सकती है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए यह चुनाव लगातार चौथी बार सरकार बनाने का मौका है, लेकिन क्या अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) इस चुनौती को पार कर पाएंगे? आइए जानते हैं सर्वे की पूरी कहानी और दिल्ली की राजनीति का नया समीकरण।
पहला सर्वे: भाजपा के लिए खुशखबरी, आप के लिए चुनौती : टाइम्स नाउ जेवीसी पोल (Times Now JVC Poll) में ‘आप’ और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर की भविष्यवाणी की गई है। पिछले चुनावों में जहां आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 और फिर 62 सीटें जीती थीं, इस बार उसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
मुख्य आंकड़े:
मुफ्त योजनाएं और महिला वोटर्स:
अगर भाजपा भी आम आदमी पार्टी की तरह महिला वोटर्स के लिए योजनाएं लाती है, तो मुकाबला बेहद करीबी रहेगा।
भाजपा के मुफ्त वाले फैक्टर के बाद, भाजपा को
45% महिला वोट, जबकि आप को 50% महिला वोट मिलने की संभावना है।
कांग्रेस के वादों का प्रभाव:
कांग्रेस ने अपने वादों को प्रचारित किया, तो यह भाजपा के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।
इस परिस्थिति में भाजपा को 46.16% वोट, आप को 44.74% वोट और कांग्रेस को 7.5% वोट मिल सकते हैं।
तीन संभावनाएं: कौन बाज़ी मारेगा?
1. सिर्फ आप के मुफ्त वादे चलेंगे तो:
आप को 56-60 सीटें, भाजपा को 10-14 सीटें, और कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा।
आप को महिला वोटर्स का 55% समर्थन, भाजपा को 39%।
2. भाजपा का मुफ्त वाला दांव:
भाजपा और आप दोनों के बीच करीबी मुकाबला।
आप: 33-37 सीटें, भाजपा: 33-36 सीटें, कांग्रेस: 1 सीट।
3. कांग्रेस का ‘रेवड़ी कार्ड’ हिट हुआ तो:
- भाजपा को 37-41 सीटें, आप को 27-33 सीटें, और कांग्रेस को 0-2 सीटें।
दिल्ली की राजनीति में इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। टाइम्स नाउ जेवीसी पोल के आंकड़े भाजपा को सत्ता के करीब दिखा रहे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी के मजबूत रणनीतिक दांव और कांग्रेस के अप्रत्याशित वादे बाज़ी पलट सकते हैं। अब देखना है कि जनता किसे मौका देती है और दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।