Punjab Weather Update : पंजाब (Punjab) में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। शुक्रवार सुबह से ही कई जिलों में बादल छाए रहे और हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान जताया था कि 19 सितंबर को राज्य के कई हिस्सों में बारिश होगी। बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन किसानों और ग्रामीणों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
किन जिलों में हुई बारिश : मौसम विभाग के मुताबिक, पठानकोट (Pathankot), गुरदासपुर (Gurdaspur), होशियारपुर (Hoshiarpur), नवांशहर (Nawanshahr), रूपनगर (Rupnagar), एसएएस नगर (SAS Nagar-Mohali) और पटियाला (Patiala) जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। वहीं, कुछ अन्य जिलों में बादल छाए रहने और बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है।
भाखड़ा डैम का जलस्तर बढ़ा, खुले फ्लड गेट : भाखड़ा बांध (Bhakra Dam) का जलस्तर लगातार खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। शुक्रवार को डैम का स्तर 1677.68 फीट दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 1680 फीट है। एहतियात के तौर पर बांध के चारों फ्लड गेट एक-एक फुट खोल दिए गए हैं। इस समय डैम में पानी की आमद 56,334 क्यूसेक है, जबकि 40,000 क्यूसेक पानी टरबाइनों और फ्लड गेट्स से छोड़ा जा रहा है।
नंगल डैम (Nangal Dam) से सतलुज (Sutlej) और नहरों में पानी छोड़ा गया है। नंगल हाइडल नहर और आनंदपुर हाइडल नहर में 9,000-9,000 क्यूसेक पानी बहाया गया, जबकि सतलुज नदी में 27,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
सतलुज किनारे मंडराता खतरा : सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों पर खतरा गहराने लगा है। मंडाला छन्ना (Mandala Chhanna) इलाके में बने धुसी बांध पर पानी का दबाव बढ़ गया है। बांध की रोकें टूटने से पास बने चार मकान गिरने की कगार पर हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
तापमान में गिरावट से मिली राहत : बारिश के चलते राज्य में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई। मानसा (Mansa) में तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि मोहाली (Mohali) में न्यूनतम 30.2 डिग्री सेल्सियस रहा। अमृतसर (Amritsar) में 34.7, जालंधर (Jalandhar) में 33.7 और लुधियाना (Ludhiana) में 33.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि 20 सितंबर तक मानसून पूरी तरह विदा हो जाएगा। जाते-जाते यह राज्य के बीच के हिस्सों से गुजरेगा और इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है।
पंजाब में मानसून हर साल किसानों के लिए राहत और संकट दोनों लेकर आता है। जहां समय पर हुई बारिश फसलों को फायदा देती है, वहीं ज्यादा बारिश और सतलुज नदी का बढ़ता जलस्तर लोगों को बाढ़ जैसी स्थिति से जूझने पर मजबूर कर देता है। पिछले वर्षों में भी भाखड़ा डैम और सतलुज का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ था। यही कारण है कि हर बार पानी छोड़े जाने पर किसान और गांवों के लोग सतर्क हो जाते हैं।
मुख्य बातें
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पंजाब के 7 जिलों में शुक्रवार को हल्की से मध्यम बारिश हुई।
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भाखड़ा डैम का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, फ्लड गेट खोले गए।
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सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा, मंडाला छन्ना इलाके में बांध पर दबाव।
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तापमान में गिरावट से लोगों को उमस से राहत मिली।






