Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर सिविल रिवीजन याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि इस स्थान के धार्मिक चरित्र का पता लगाने के लिए सर्वे जरूरी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी को नोटिस जारी कर मामले पर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल की गई याचिका
श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर सिविल रिवीजन याचिका दाखिल की गई है। याचिका में ज्ञानवापी के पूरे परिसर के किए गए सर्वे की तरह ही सील वजूखाने का भी सर्वे कराए जाने की मांग की गई है।
राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने दलील दी है कि संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए वुजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराना आवश्यक है। जिससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
ASI पहले ही कर चुका है वैज्ञानिक सर्वेक्षण
एएसआई वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पहले ही कर चुका है और इसने वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एएसआई ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई 2023 के आदेश के मुताबिक यह सर्वेक्षण किया था।
2 साल के सील है वजूखाना
2 साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जाता है लेकिन हिन्दू पक्ष उसके शिवलिंग होने का दावा कर रहा है।
(इनपुट-पीटीआई)