“Ram Rahim granted repeated paroles while Sikh prisoners are ignored,” यह आरोप शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और अकाल तख्त साहिब के हेड ग्रंथि ज्ञानी मलकीत सिंह ने लगाया है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Dera Sacha Sauda Chief Gurmeet Ram Rahim) को बार-बार पैरोल मिलने से सिख समुदाय में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
डेरा प्रमुख को पैरोल: SGPC का सवाल
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim), जिन्हें रेप और हत्या के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी, को बार-बार पैरोल दिए जाने पर SGPC ने सख्त आपत्ति जताई है।
- SGPC सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल (Gurcharan Singh Grewal) ने कहा:
- “राम रहीम को सजा के केवल 7.5 साल बाद बार-बार रिहा किया जा रहा है।”
- “यह सिख समुदाय के साथ बड़ा पक्षपात है।”
ज्ञानी मलकीत सिंह (Gyani Malkit Singh) ने कहा कि यह सरकार की राजनीतिक साजिश (Political Conspiracy) है, जिससे सिखों के साथ अन्याय हो रहा है।
सिख बंदियों की अनदेखी
SGPC का दावा है कि कई सिख बंदी, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है, अभी भी जेलों में हैं।
- SGPC का आरोप:
- सिख बंदियों को रिहा करने में देरी की जा रही है।
- सरकार वोट बैंक के लिए राम रहीम जैसे दोषियों को रिहा कर रही है।
- सिख समुदाय के हक और अधिकारों को दबाया जा रहा है।
गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिख बंदियों के मामलों में सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया (Discriminatory Attitude) साफ नजर आ रहा है।
किसानों के मुद्दे पर भी सवाल
SGPC नेताओं ने किसानों के मुद्दों पर भी सरकार की आलोचना की।
- मुख्य बिंदु:
- किसान लंबे समय से अपनी जायज मांगों (Legitimate Demands) को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
- वहीं, डेरा प्रमुख जैसे लोगों को बार-बार राहत दी जा रही है।
ज्ञानी मलकीत सिंह ने कहा कि सिख समुदाय को अब एकजुट होकर सरकार के भेदभाव (Government Discrimination) के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
डेरा प्रमुख और राजनीतिक फायदे का खेल
SGPC का आरोप है कि राम रहीम को पैरोल पर रिहा कर सरकार चुनावी लाभ (Electoral Gain) उठाने की कोशिश कर रही है।
- SGPC नेताओं का दावा:
- डेरा सच्चा सौदा का वोट बैंक हासिल करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
- सरकार सिख समुदाय की मांगों को जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है।
सिख समुदाय के संघर्ष को दबाने का प्रयास
SGPC ने यह भी आरोप लगाया कि सिख धर्म के समर्थकों को झूठे मामलों (False Cases) में फंसाया जा रहा है।
- शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले सिखों को दंडित किया जा रहा है।
- वहीं, सिख धर्म के विरोधी प्रचारकों को हर तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं।
गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह सरकार की पक्षपातपूर्ण नीति (Biased Policy) को उजागर करता है।
SGPC की मांग: न्याय और पारदर्शिता
SGPC ने सरकार से सिख बंदियों की रिहाई (Release of Sikh Prisoners) पर तुरंत ध्यान देने की मांग की।
- मुख्य मांगें:
- सिख बंदियों को रिहा किया जाए।
- राम रहीम जैसे दोषियों को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना बंद किया जाए।
- सिख समुदाय के साथ न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
ज्ञानी मलकीत सिंह ने कहा, “सरकार को यह समझना चाहिए कि सिख समुदाय की सहनशीलता को उनकी कमजोरी न समझें।”
राम रहीम को बार-बार पैरोल देने के सरकार के फैसले ने सिख समुदाय के भीतर गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। SGPC ने सिख बंदियों के साथ हो रहे भेदभाव और सरकार की राजनीतिक चालों (Political Moves) की कड़ी आलोचना की है।
सिख नेताओं ने समुदाय से अपील की है कि वे एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ें।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है। संबंधित विषयों पर अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों की पुष्टि करें।