G7 Nations ने हाल ही में अपने बयान से One China Policy का जिक्र हटा दिया, जिससे China भड़क उठा है। इस कदम को बीजिंग (Beijing) ने अपनी संप्रभुता के लिए खतरा बताया और G7 पर “अहंकारी और दोहरे मापदंड” अपनाने का आरोप लगाया। इस बदलाव से ताइवान को लेकर पश्चिमी देशों और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
G7 के बयान से चीन क्यों हुआ नाराज?
शनिवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, G7 Foreign Ministers ने ताइवान पर अपनी नीति में बदलाव किया है।
- पहले, One China Policy के तहत अमेरिका समेत कई देश ताइवान को चीन का हिस्सा मानते थे।
- अब, G7 ने अपने बयान से इस नीति का उल्लेख हटा दिया, जिससे चीन में हड़कंप मच गया।
- चीन का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता पर सीधा हमला है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
परमाणु विस्तार और दक्षिण चीन सागर पर चिंता
G7 देशों ने अपने बयान में चीन के Nuclear Expansion को लेकर चिंता जताई है।
- पिछले G7 Summit 2024 में Xinjiang, Tibet और Hong Kong में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन इस बार इसे हटा दिया गया।
- South China Sea और East China Sea में चीन की गतिविधियों को लेकर भी कड़ी आलोचना की गई।
‘One China Policy’ पर बदलता नजरिया?
पहले G7 देश अपनी नीति में चीन को आधिकारिक सरकार के रूप में मान्यता देते थे।
- अब, नए बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि वे ताइवान को चीन का हिस्सा मानते हैं या नहीं।
- यह बदलाव अमेरिका और जापान के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है, जो ताइवान को लेकर चीन के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे हैं।
चीन की तीखी प्रतिक्रिया – G7 को दी चेतावनी
चीन ने G7 के इस बयान को खारिज कर दिया है।
- कनाडा (Canada) स्थित चीनी दूतावास ने इसे “तथ्यों की अनदेखी” बताया।
- चीन ने कहा कि यह उसके आंतरिक मामलों में “गंभीर हस्तक्षेप” है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- बीजिंग ने चेतावनी दी कि Taiwan Strait में कोई भी उकसाने वाली कार्रवाई बड़े टकराव को जन्म दे सकती है।
अमेरिका और जापान की रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और जापान मिलकर चीन पर दबाव बढ़ा रहे हैं।
- Japanese PM Shigeru Ishiba और US President Donald Trump ने हाल ही में एक शिखर सम्मेलन में इसी रणनीति पर चर्चा की थी।
- यह बयान दर्शाता है कि G7 अब चीन की नीतियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को तैयार है।
क्या चीन-ताइवान विवाद और गहराएगा?
चीन ने पहले ही ताइवान को लेकर कई बार सैन्य दबाव बनाया है।
- South China Sea में चीन की बढ़ती गतिविधियों से तनाव पहले ही बढ़ा हुआ है।
- अब G7 के इस बयान के बाद चीन और आक्रामक रवैया अपना सकता है।
G7 का यह कदम वैश्विक राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। क्या यह चीन और पश्चिमी देशों के बीच नए टकराव की शुरुआत है? आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा।