नई दिल्ली (New Delhi) 16 जनवरी (The News Air) : भारत सरकार और उद्योग जगत ने “भविष्य की नौकरियां” (Future of Jobs) सम्मेलन के माध्यम से नई नौकरियों के अवसर और कौशल विकास की योजनाओं पर चर्चा की। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) द्वारा आयोजित यह सम्मेलन 15 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित हुआ। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Dr. Mansukh Mandaviya) ने इस कार्यक्रम में भारत को एक Global Talent Hub बनाने की दिशा में अपनी योजनाएं साझा कीं।
सम्मेलन का प्रमुख फोकस
- ग्लोबल वर्कफोर्स शॉर्टेज को पूरा करने में भारत की क्षमता।
- ग्रीन जॉब्स (Green Jobs) और डिजिटल स्किल्स (Digital Skills) पर विशेष जोर।
- Skill Development, Artificial Intelligence, Data Analytics, Renewable Energy, और Smart Manufacturing जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता।
डॉ. मांडविया के विचार : डॉ. मांडविया ने कहा, “Skill Development और Technology Adoption भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में अहम भूमिका निभाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत की युवा पीढ़ी को AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), Cyber Security (साइबर सुरक्षा), और Blockchain (ब्लॉकचेन) जैसी तकनीकों में महारत हासिल करानी होगी।
उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ Certificate Courses नहीं, बल्कि Industry-Ready Professionals तैयार करना है। इससे रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और भारत Global Workforce में अपनी अलग पहचान बनाएगा।”
महत्वपूर्ण घोषणाएं और क्षेत्रीय विश्लेषण
ग्रीन जॉब्स में उभरता भारत : Suzlon Group के अधिकारी राजेंद्र मेहता के अनुसार, भारत 2023 में ग्रीन एनर्जी सेक्टर में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि 2030 तक 10 लाख नई नौकरियां सिर्फ ग्रीन एनर्जी में पैदा होंगी। इस क्षेत्र में प्रमुख स्किल्स में Renewable Energy Technician, Sustainability Consultant, और Carbon Market Analysts शामिल हैं।
डिजिटल टेक्नोलॉजी और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग : Rockwell Automation के एमडी दिलीप साहनी ने कहा, “भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 2030 तक 7.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में अहम भूमिका निभाएगा।” उन्होंने AI, Robotics, और Automation को Skill Training Programs में शामिल करने पर जोर दिया।
लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स के लिए सुनहरा समय : TVS Supply Chain Solutions के सीईओ सुकुमार के अनुसार, भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर 2030 तक 350 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि AI-driven Logistics, Autonomous Vehicles, और Robotic Warehousing जैसे क्षेत्रों में बड़े स्तर पर स्किल डेवलपमेंट की जरूरत होगी।
स्वास्थ्य सेवा और पर्यटन में रोजगार की संभावनाएं : Healthcare Sector: फोर्टिस हेल्थकेयर के सीईओ डॉ. आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि भारत का हेल्थकेयर सेक्टर हर साल 7-10% की दर से बढ़ रहा है। Medical Tourism (मेडिकल टूरिज्म) और Digital Health Skills में भारत की बड़ी संभावनाएं हैं।
Tourism Sector: Indian Hotels Company Limited के एचआर प्रमुख अजय दत्ता ने बताया कि भारत का टूरिज्म इंडस्ट्री 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है। Spiritual Tourism, Wellness Tourism, और Rural Tourism जैसे नए ट्रेंड्स इस वृद्धि के प्रमुख कारक होंगे।
यह सम्मेलन भारत को “Future-Ready Workforce” तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। Green Jobs, Digital Skills, और Emerging Technologies में भारत की प्राथमिकता इसे ग्लोबल मार्केट में एक मजबूत खिलाड़ी बनाएगी।
भारत का रोजगार परिदृश्य बदल रहा है। Skill Development Programs और Public-Private Partnerships से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर युवा को रोजगार का अवसर मिले और देश का भविष्य उज्ज्वल हो।