DGCA Fuel Switch Inspection Order को लेकर एक बड़ा आदेश सामने आया है। अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए एयर इंडिया (Air India) विमान हादसे पर एएआईबी (AAIB) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी होने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation – DGCA) ने सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को अपने विमानों में इंजन फ्यूल स्विच (Engine Fuel Switch) की अनिवार्य जांच के आदेश दिए हैं। DGCA ने स्पष्ट किया है कि यह जांच 21 जुलाई 2025 तक पूरी करनी होगी और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
DGCA ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि यह जांच स्टेट ऑफ डिजाइन/मैन्युफैक्चर (State of Design/Manufacture) की ओर से जारी किए गए एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव्स (Airworthiness Directives) के अनुसार अनिवार्य की जा रही है। नियामक निकाय ने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू विमान ऑपरेटर्स (International and Domestic Operators) पहले ही अपने विमानों की जांच प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया गया है कि वे 21 जुलाई तक यह जांच पूरी कर DGCA को रिपोर्ट जमा करें।
इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि में 12 जून को हुआ वह भीषण हादसा है जिसमें अहमदाबाद से लंदन (London) के गैटविक एयरपोर्ट (Gatwick Airport) जा रहा बोइंग 787-8 (Boeing 787-8) विमान टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171 (AI-171) ने जैसे ही उड़ान भरी, कुछ सेकंड के भीतर एक इमारत से टकरा गया। इस भयावह दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हो गई थी।
एएआईबी (AAIB) की पंद्रह पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए गए। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग (Cockpit Voice Recording) के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन सप्लाई क्यों बंद की, जिस पर जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया। रिपोर्ट में आशंका जताई गई कि दोनों इंजनों को फ्यूल सप्लाई (Fuel Supply) नहीं मिल पाई, जिससे टेकऑफ के केवल 32 सेकंड बाद विमान क्रैश (Crash) हो गया।
इस गंभीर रिपोर्ट के बाद DGCA का यह कदम देशभर में विमान सुरक्षा मानकों को और सख्त बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञों का भी मानना है कि इस आदेश से भविष्य की दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा और एयरलाइन ऑपरेटरों की जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलेगा।