Bomb Threat India Woman — एकतरफा प्यार में ठुकराई गई एक लड़की ने पूरे देश को हिला देने वाली साजिश रच दी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी और रोबोटिक्स में कोर्स कर चुकी 30 वर्षीय रेने जोशिल्दा (Rene Joshilda) ने महज एक भावनात्मक टूटन के चलते न केवल बम धमकी (Bomb Threat) दी, बल्कि अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए विमान हादसे की जिम्मेदारी तक ले ली। अहमदाबाद पुलिस ने आखिरकार तकनीकी जांच और साइबर ट्रेसिंग के जरिए उसे गिरफ्तार कर लिया है।
रेने जोशिल्दा ने बेंगलुरु (Bengaluru) में काम के दौरान दिविज प्रभाकर (Divij Prabhakar) नामक युवक से एकतरफा प्रेम किया। फरवरी में दिविज ने किसी और से शादी कर ली, जिससे आहत होकर रेने ने बदला लेने के लिए फर्जी ईमेल आईडी और वीपीएन (VPN) का सहारा लेते हुए दिविज के नाम से देश के 11 राज्यों में बम धमकी दे डाली। अकेले अहमदाबाद में उसने 21 स्थानों, जिनमें नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) भी शामिल था, पर बम की सूचना दी।
रेने ने राजस्थान (Rajasthan), तमिलनाडु (Tamil Nadu), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), महाराष्ट्र (Maharashtra), हरियाणा (Haryana), दिल्ली (Delhi), केरल (Kerala), कर्नाटक (Karnataka), बिहार (Bihar) और तेलंगाना (Telangana) जैसे राज्यों में बम धमकियों से प्रशासन को हिला दिया। उसने स्कूल, अस्पताल और स्टेडियम जैसे संवेदनशील स्थलों को निशाना बनाया, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को दिन-रात काम करना पड़ा।
12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया (Air India) का विमान क्रैश हुआ जिसमें 274 लोगों की जान चली गई। इसके बाद बीजे मेडिकल कॉलेज (BJ Medical College) को एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें क्रैश की जिम्मेदारी ली गई। मेल में दिविज के नाम से दावा किया गया कि विमान क्रैश उन्होंने ही कराया है और अब सभी को उनकी ताकत का अंदाजा हो गया होगा। अहमदाबाद पुलिस ने इस मेल की गहराई से जांच शुरू की और टेक्निकल ट्रैकिंग के जरिए रेने तक पहुंच गई।
हालांकि, रेने ने बेहद सावधानीपूर्वक फर्जी वर्चुअल नंबर, टॉर ब्राउजर (Tor Browser) और डार्क वेब (Dark Web) का इस्तेमाल किया ताकि उसकी पहचान उजागर न हो। लेकिन एक गलती ने उसकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। छह महीने पहले उसने जिस डिवाइस से फर्जी ईमेल भेजे थे, उसी डिवाइस से उसने अपनी असली ईमेल आईडी में भी लॉग इन कर लिया था। इसी एक आईपी एड्रेस के सुराग से पुलिस ने उसे ढूंढ़ निकाला।
यह मामला बताता है कि साइबर क्राइम (Cyber Crime) के मामलों में कितनी बारीकी से जांच करनी पड़ती है और भावनात्मक टूटन में किए गए अपराध किस हद तक समाज को प्रभावित कर सकते हैं।